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एक समान नाम वाले वकीलों को नंबर आवंटित करें बार काउंसिल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया है कि वह एक समान नाम वाले वकीलों को नंबर आवंटित करें अथवा कोई अन्य रास्ता निकाले ताकि नाम की समानता की वजह से किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति न पैदा होने पावे.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Sep 7, 2022, 10:07 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया है कि वह एक समान नाम वाले वकीलों को नंबर आवंटित करें अथवा कोई अन्य रास्ता निकाले ताकि नाम की समानता की वजह से किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति न पैदा होने पावे. कोर्ट ने महा निबंधक हाई कोर्ट को भी इस आदेश का पालन कराने का निर्देश दिया है.

न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की पीठ के समक्ष धारा 482 की एक एप्लीकेशन संजीत राठी उर्फ भुवनेश्वर की सुनवाई के दौरान एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई. मुकदमे की पैरवी अधिवक्ता अमित कुमार श्रीवास्तव और विजय कुमार तिवारी कर रहे थे. इसी दौरान एक अन्य अधिवक्ता जिनका नाम अमित कुमार श्रीवास्तव था उन्होंने इस बात पर आपत्ति की कि उपरोक्त वादकारी उनको इंगेज करने के लिए हाईकोर्ट आया था.

मगर नाम में समानता का फायदा उठाकर दूसरे अमित कुमार श्रीवास्तव ने मुकदमे में वकालतनामा दाखिल कर दिया. कोर्ट ने आपत्ति करने वाले अधिवक्ता को अमित कुमार श्रीवास्तव प्रथम जबकि मुकदमे में इंगेज हुए अधिवक्ता को अमित कुमार श्रीवास्तव द्वितीय से संबोधित करते हुए इस मामले में अधिवक्ता विजय कुमार तिवारी और अमित कुमार श्रीवास्तव द्वितीय से जवाब तलब किया.

इसे भी पढ़ेंः HC का फैसला, यौन अपराध की शिकार महिला का ऑडियो व वीडियो बयान लेना अनिवार्य

इस पर अधिवक्ता विजय कुमार तिवारी ने बताया उक्त मुकदमा उनको जिला न्यायालय के वकील ने दिया था. न्यायालय के वकील ने उनको अमित कुमार श्रीवास्तव प्रथम को इंगेज करने के लिए कहा था. मगर जब वह प्रथम के पास गए तो उन्होंने भारी फीस की मांग की, जिसकी वजह से उसने अमित कुमार श्रीवास्तव द्वितीय को इंगेज कर लिया. जब वादकारी ने अमित कुमार श्रीवास्तव प्रथम को संपर्क किया तो उनकी जानकारी में आया कि उनका मुकदमा उन्हीं के नाम के किसी अन्य वकील के पास चला गया है. विजय कुमार तिवारी और अमित कुमार श्रीवास्तव द्वितीय ने कोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी तथा भविष्य में सावधानी बरतने का वादा किया ताकि आगे ऐसी गलती न हो.

इस पर कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से कहा कि एक समान नाम होने के कारण वकीलों को हो रही कठिनाई से बचने के लिए बार काउंसिल उनको प्रथम, द्वितीय, तृतीय जैसे नंबर आवंटित कर सकता है, अथवा कोई अन्य रास्ता निकाला जा सकता है ताकि किसी को यह भ्रम ना हो कि उनके मुकदमे में कौन वकील है. कोर्ट ने अमित कुमार श्रीवास्तव प्रथम से कहा है कि वह बार काउंसिल के समक्ष एक प्रार्थना पत्र दें और बार काउंसिल के चेयरमैन उस प्रार्थना पत्र पर संज्ञान लेते हुए एक समान नाम वाले वकीलों की मदद के लिए उचित कदम उठाए.

इसे भी पढ़ेंः प्रभात हत्याकांड में वादी पक्ष का आरोप, अजय मिश्रा टेनी की ओर से सुनवाई से बचने का हो रहा है प्रयास

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया है कि वह एक समान नाम वाले वकीलों को नंबर आवंटित करें अथवा कोई अन्य रास्ता निकाले ताकि नाम की समानता की वजह से किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति न पैदा होने पावे. कोर्ट ने महा निबंधक हाई कोर्ट को भी इस आदेश का पालन कराने का निर्देश दिया है.

न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की पीठ के समक्ष धारा 482 की एक एप्लीकेशन संजीत राठी उर्फ भुवनेश्वर की सुनवाई के दौरान एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई. मुकदमे की पैरवी अधिवक्ता अमित कुमार श्रीवास्तव और विजय कुमार तिवारी कर रहे थे. इसी दौरान एक अन्य अधिवक्ता जिनका नाम अमित कुमार श्रीवास्तव था उन्होंने इस बात पर आपत्ति की कि उपरोक्त वादकारी उनको इंगेज करने के लिए हाईकोर्ट आया था.

मगर नाम में समानता का फायदा उठाकर दूसरे अमित कुमार श्रीवास्तव ने मुकदमे में वकालतनामा दाखिल कर दिया. कोर्ट ने आपत्ति करने वाले अधिवक्ता को अमित कुमार श्रीवास्तव प्रथम जबकि मुकदमे में इंगेज हुए अधिवक्ता को अमित कुमार श्रीवास्तव द्वितीय से संबोधित करते हुए इस मामले में अधिवक्ता विजय कुमार तिवारी और अमित कुमार श्रीवास्तव द्वितीय से जवाब तलब किया.

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इस पर अधिवक्ता विजय कुमार तिवारी ने बताया उक्त मुकदमा उनको जिला न्यायालय के वकील ने दिया था. न्यायालय के वकील ने उनको अमित कुमार श्रीवास्तव प्रथम को इंगेज करने के लिए कहा था. मगर जब वह प्रथम के पास गए तो उन्होंने भारी फीस की मांग की, जिसकी वजह से उसने अमित कुमार श्रीवास्तव द्वितीय को इंगेज कर लिया. जब वादकारी ने अमित कुमार श्रीवास्तव प्रथम को संपर्क किया तो उनकी जानकारी में आया कि उनका मुकदमा उन्हीं के नाम के किसी अन्य वकील के पास चला गया है. विजय कुमार तिवारी और अमित कुमार श्रीवास्तव द्वितीय ने कोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी तथा भविष्य में सावधानी बरतने का वादा किया ताकि आगे ऐसी गलती न हो.

इस पर कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से कहा कि एक समान नाम होने के कारण वकीलों को हो रही कठिनाई से बचने के लिए बार काउंसिल उनको प्रथम, द्वितीय, तृतीय जैसे नंबर आवंटित कर सकता है, अथवा कोई अन्य रास्ता निकाला जा सकता है ताकि किसी को यह भ्रम ना हो कि उनके मुकदमे में कौन वकील है. कोर्ट ने अमित कुमार श्रीवास्तव प्रथम से कहा है कि वह बार काउंसिल के समक्ष एक प्रार्थना पत्र दें और बार काउंसिल के चेयरमैन उस प्रार्थना पत्र पर संज्ञान लेते हुए एक समान नाम वाले वकीलों की मदद के लिए उचित कदम उठाए.

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