प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली को लेकर विश्विद्यालय के छात्रसंघ नेताओं का लगातार प्रदर्शन जारी है. इस दौरान कैम्पस में लगातार धरना प्रदर्शन से यूनिवर्सिटी का माहौल बिगड़ रहा है. जिसके चलते इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा पूर्व छात्रसंघ नेताओं पर कैम्पस में प्रवेश पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को नोटिस दिया है. वहीं ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए चीफ प्रॉक्टर राम सेवक दुबे ने बताया कि पूर्व छात्रसंघ नेता और निलंबित छात्रों को कैम्पस में आने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, लेकिन रोक लगाने के बावजूद निलंबित छात्र कैम्पस में आकर अराजकता फैला रहे हैं. वहीं आगे अगर इसी तरह चलता रहा तो विश्वविद्यालय प्रशासन पूर्व छात्रसंघ नेताओं के खिलाफ हाईकोर्ट तक जाएगा.
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जानिए क्या है पूरा मामला
- छात्रसंघ बहाली को लेकर विश्विद्यालय के छात्रसंघ नेताओं का लगातार प्रदर्शन जारी है.
- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पूर्व छात्रसंघ नेताओं के कैंपस में प्रवेश पर रोक लगाई है.
- चार छात्रों को ब्लैकलिस्टेड भी किया गया है.
- छात्र नेताओं पर कैम्पस में तोड़फोड़, अराजकता, अनुशासनहीनता सहित कई अन्य आरोप लगे हैं.
चीफ प्रॉक्टर राम सेवक दुबे ने दी जानकारी
इलाहाबाद विश्विद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि, लगातार छात्रसंघ बहाली कर रहे छात्रों में से कुछ छात्रों को निलंबित किया गया है, लेकिन इसमें से कुछ ऐसे छात्र हैं, जिनका निलंबन विश्विद्यालय प्रशासन उनका व्यवहार देखकर वापस ले सकता है. लेकिन विश्विद्यालय कैम्पस में लगातार अराजकता फैलाने वाले निलंबित चार छात्र रोहित मिश्रा (पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष व ABVP नेता ), विक्रांत सिंह ( पूर्व छात्र संघ महामंत्री व ABVP नेता ), आदिल हमजा (पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष और सपा छात्र सभा नेता) और अखिलेश यादव (निवर्तमान छात्र संघ उपाध्यक्ष , NSUI नेता) को कैम्पस में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
चार छात्रों को किया गया ब्लैकलिस्टेड
यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर ने कहा कि चारों छात्र नेताओं पर कैम्पस में तोड़फोड़, अराजकता फैलाने का आरोप है. वहीं इन छात्र नेताओं के ऊपर कई आपराधिक रिकॉर्ड होने की वजह इनके प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.