प्रयागराज: मोती लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन ने समर्थन किया है. इस दौरान स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में एएमए (इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन) के पदाधिकारी भी पहुंचे. हड़ताल के समर्थन में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुजीत सिंह और सचिव डॉ. आशुतोष गुप्ता ने भी नारेबाजी की. एसोसिएशन ने सरकार से कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले जूनियर डॉक्टरों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की.
गौरतलब है कि स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल समेत देश भर के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर काउंसिलिंग कर नए सत्र को शुरु करने की मांग कर रहे हैं. रेजिडेंट डॉक्टर का कहना है कि NEET PG 2021 सत्र की काउंसिलिंग कर नए छात्रों के लिए जल्द ही नये सत्र की शुरुआत की जाए. उन्होंने बताया कि इस साल नीट परीक्षा देर से होने के चलते अभी तक काउंसिलिंग पूरी नहीं हुई है. इसके चलते नए सत्र में भर्ती न होने से जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के ऊपर काम का भार लगातार बढ़ रहा है.
रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि साल 2021 समाप्त होने वाला है. लेकिन अभी तक सरकार 2021 के सत्र की शुरूआत नहीं कर सकी है. ईडब्ल्यूएस कोटे के विवाद के चलते ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. 6 जनवरी को कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई होने के बाद इस सत्र की भर्ती को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग हो रही है.
डॉक्टर्स ने बताया कि नीट की परीक्षा का आयोजन जनवरी में होता रहा है. परीक्षा का परिणाम फरवरी तक घोषित हो जाता था. मई माह तक काउंसलिंग पूरी करके जून महीने से जूनियर डॉक्टर अस्पतालों में काम शुरू कर देते थे. लेकिन, इस बार यह प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी है. जिसको लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में मेडिकल कॉलेज में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव ने चेतावनी दी कि 2021 सत्र की नीट की काउंसिलिंग को जल्द पूरा किया जाए. अध्यक्ष डॉ. सुजीत सिंह ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है. ऐसे में सरकार को काउंसिलिंग पूरी कर समय से नए जूनियर डॉक्टरों की भर्ती को पूरा किया जाए.
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सत्र 2021 की नीट की काउंसिलिंग में ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत एडमिशमन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 6 जनवरी को होनी है. हड़ताली डॉक्टरों की मांग है कि सुनवाई के दिन सरकार कोर्ट में अपना पक्ष रखकर मामले को सुलझाने का काम करे, जिससे नए जूनियर डॉक्टरों की नियुक्ति हो और वो काम शुरू करें. इससे नियमित तरीके से हॉस्पिटल में काम हो सकेगा.
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