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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई सहायक अध्यापक की बर्खास्तगी पर रोक - प्रयागराज ताजा खबर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के सहायक अध्यापक की बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 8, 2019, 8:20 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की बीएड डिग्री के आधार पर कार्यरत सहायक अध्यापक की बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने शाहजहांपुर के अलकेश पांडेय की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है.

  • लगभग साढ़े हजार अभ्यर्थियों की बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड डिग्री फर्जी निकलने की एसआईटी की रिपोर्ट पर याची को बर्खास्त किया गया था.
  • कोर्ट ने बर्खास्तगी के बीएसए के आदेश पर रोक लगाते हुए नियमानुसार जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद कार्रवाई करने को कहा था.
  • इसके बावजूद याची को 22 जून 2019 को पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिए बगैर बर्खास्त कर दिया गया.
  • उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने व वसूली का आदेश भी किया गया.
  • कोर्ट ने बीएसए के आदेश पर रोक लगाते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की बीएड डिग्री के आधार पर कार्यरत सहायक अध्यापक की बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने शाहजहांपुर के अलकेश पांडेय की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है.

  • लगभग साढ़े हजार अभ्यर्थियों की बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड डिग्री फर्जी निकलने की एसआईटी की रिपोर्ट पर याची को बर्खास्त किया गया था.
  • कोर्ट ने बर्खास्तगी के बीएसए के आदेश पर रोक लगाते हुए नियमानुसार जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद कार्रवाई करने को कहा था.
  • इसके बावजूद याची को 22 जून 2019 को पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिए बगैर बर्खास्त कर दिया गया.
  • उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने व वसूली का आदेश भी किया गया.
  • कोर्ट ने बीएसए के आदेश पर रोक लगाते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा है.
[7/6, 9:45 PM] अखिलेश त्रिपाठी प्रेस: सहायक अध्यापक की बर्खास्तगी पर रोक
प्रयागराज। विधि संवाददाता
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की बीएड डिग्री के आधार पर कार्यरत सहायक अध्यापक की बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगा दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने ने शाहजहांपुर के अलकेश पांडेय की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है। लगभग साढ़े हजार अभ्यर्थियों की बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड डिग्री  फर्जी निकलने की एसआईटी की रिपोर्ट पर याची को बर्खास्त किया गया था। कोर्ट ने बर्खास्तगी के बीएसए के आदेश पर रोक लगाते हुए नियमानुसार जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद कार्रवाई करने को कहा था। इसके बावजूद याची को 22 जून 2019 को पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिए बगैर बर्खास्त कर दिया गया। उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने व वसूली का आदेश भी किया गया। कोर्ट ने बीएसए के आदेश पर रोक लगाते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा है।
[7/6, 10:07 PM] अखिलेश त्रिपाठी प्रेस: प्रयागराज। विधि संवाददाता
बीते लोकसभा चुनाव में मेरठ संसदीय सीट से बसपा प्रत्याशी रहे हाजी याकूब कुरैशी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल करके भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल के निर्वाचन को चुनौती दी है। हाजी याकून ने शनिवार को  अधिवक्ता रविशंकर प्रसाद के माध्यम से रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष यह याचिका दाखिल की।
चुनवा याचिका में मुख्य आधार मतगणना में गड़बड़ी को लेकर बनाया गया है। कहा गया कि राजेंद्र अग्रवाल के पक्ष में लगभग पांच हजार ऐसे वोटों की गिनती जोड़ दी गई, जो पड़े ही नहीं थे। इनमें लगभग दो हजार वोट पोस्टल बैलेट वाले थे। अधिवक्ता रविशंकर प्रसाद ने बताया कि चुनाव आयोग ने मेरठ लोकसभा सीट पर जितने वोट पड़ने की रिपोर्ट दी, गिनती में उससे अधिक कहां से आ गए। आयोग की रिपोर्ट और ईवीएम गलत हो नहीं सकती तो पड़े हुए वोटों की संख्या मतगणना में कैसे बढ़ गई। याचिका में आरोप है कि मतगणना में धांधली करके भजपा प्रत्याशी को निर्वाचित घोषित किया गया है। हाजी याकूब कुरैशी ने सांसद राजेंद्र अग्रवाल पर चुनाव आचार संहिता का आरोप भी लगाया है। कहा है कि उन्होंने मतदाताओं को लुभाने के लिए कपड़े बांटे थे। साथ ही चुनवा जीतने के लिए लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का भी कार्य किया। याचिका में इन आधारों पर भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल का निर्वाचन निरस्त करने की मांग की गई है।
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