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हाईकोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट पर एक माह पहले सेवानिवृत्त करने का आदेश किया रद्द - मुख्य चिकित्सा अधिकारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हाईस्कूल प्रमाणपत्र में दर्ज जन्म तिथि ही आयु के निर्धारण में मान्य होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने दिया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हाईस्कूल प्रमाणपत्र में दर्ज जन्म तिथि ही मान्य है
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Published : Jul 22, 2022, 5:59 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने लोक निर्माण विभाग प्रयागराज में वर्क सुपरवाइजर पद पर कार्यरत याची को एक माह पहले सेवानिवृत्त करने के आदेश को रद्द कर दिया है. हाईस्कूल प्रमाणपत्र में दर्ज जन्म तिथि के आधार पर 31 जुलाई 2022 तक कार्य करने देने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा (Justice Sangeeta Chandra) ने विजय श्याम तिवारी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता राजीव रतन शुक्ल ने बहस की. अधिवक्ता ने दलील दी कि याची 3 जून 1989 को मेट के रूप में नियुक्त किया गया था. याची 1978 में हाईस्कूल पास किया है, जिसमें उसकी जन्मतिथि 5 जुलाई 1962 दर्ज है. अधीक्षण अभियंता के अनुरोध पर 26 मई 2022 को माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज ने इसे सत्यापित भी किया है. जीपीएफ पासबुक में भी यही तिथि भी दर्ज है.

यह भी पढ़ें-मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे मंत्री दिनेश खटीक, क्या सच में दूर हो गई नाराजगी?

लेकिन बिना कारण मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मेडिकल फिटनेस मांगी गई. जिसमें जन्मतिथि 19 जून 1962 दिखाई गई है. इसी रिपोर्ट के आधार पर 30 जून 2022 को सेवानिवृत्त कर दिया गया. जबकि हाईस्कूल प्रमाणपत्र में जन्मतिथि 5 जुलाई 1962 दर्ज होने के कारण उसे 31 जुलाई तक काम करने का अधिकार है. जिसपर कोर्ट ने याची को 31 जुलाई को सेवानिवृत्त कर परिलाभो का निर्धारण करने का निर्देश दिया है.

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प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने लोक निर्माण विभाग प्रयागराज में वर्क सुपरवाइजर पद पर कार्यरत याची को एक माह पहले सेवानिवृत्त करने के आदेश को रद्द कर दिया है. हाईस्कूल प्रमाणपत्र में दर्ज जन्म तिथि के आधार पर 31 जुलाई 2022 तक कार्य करने देने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा (Justice Sangeeta Chandra) ने विजय श्याम तिवारी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता राजीव रतन शुक्ल ने बहस की. अधिवक्ता ने दलील दी कि याची 3 जून 1989 को मेट के रूप में नियुक्त किया गया था. याची 1978 में हाईस्कूल पास किया है, जिसमें उसकी जन्मतिथि 5 जुलाई 1962 दर्ज है. अधीक्षण अभियंता के अनुरोध पर 26 मई 2022 को माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज ने इसे सत्यापित भी किया है. जीपीएफ पासबुक में भी यही तिथि भी दर्ज है.

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लेकिन बिना कारण मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मेडिकल फिटनेस मांगी गई. जिसमें जन्मतिथि 19 जून 1962 दिखाई गई है. इसी रिपोर्ट के आधार पर 30 जून 2022 को सेवानिवृत्त कर दिया गया. जबकि हाईस्कूल प्रमाणपत्र में जन्मतिथि 5 जुलाई 1962 दर्ज होने के कारण उसे 31 जुलाई तक काम करने का अधिकार है. जिसपर कोर्ट ने याची को 31 जुलाई को सेवानिवृत्त कर परिलाभो का निर्धारण करने का निर्देश दिया है.

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