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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में रिक्त पदों का ब्यौरा किया तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा से इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन संख्या 1 /2013 में रिक्त पदों का ब्यौरा तलब किया है.  दिवाकर सिंह की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने दिया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Jan 25, 2020, 4:24 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा से इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन संख्या 1 /2013 में रिक्त पदों का ब्यौरा तलब किया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि अगली नियत तारीख पर निदेशक ब्योरा नहीं देते हैं तो उन्हें स्वयं अदालत में उपस्थित होना होगा. दिवाकर सिंह की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने दिया है.

याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभु राय का कहना था कि 2013 में हिंदी विषय के 909 पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को नियुक्ति करनी थी लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान शासन ने पदों की संख्या घटाकर 721 कर दी. इस निर्णय के खिलाफ दाखिल याचिका में एकल न्याय पीठ में पदों की संख्या घटाए जाने को गलत करार देते हुए विज्ञापित पदों के सापेक्ष ही नियुक्त करने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें- देश तभी बचेगा, जब बीजेपी जाएगी: अखिलेश यादव

एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई. खंडपीठ ने अपील खारिज करते हुए एकल पीठ के निर्णय को सही ठहराया. प्रदेश सरकार के अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट ने चयनित 720 पदों में से रिक्त रह गए पदों पर ही नियुक्ति करने का निर्देश दिया है, जिसकी प्रक्रिया की जा रही है, जबकि याची के अधिवक्ता का कहना था कि पदों को घटाया नहीं जा सकता है. 720 पदों के अलावा 909 पदों में से बचे हुए पदों पर भी नियुक्ति की जानी है. कोर्ट ने इस मामले में निदेशक विज्ञापन के तहत विभिन्न विषयों के अध्यापकों की नियुक्ति हेतु जारी पदों का ब्यौरा अगली तारीख पर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा से इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन संख्या 1 /2013 में रिक्त पदों का ब्यौरा तलब किया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि अगली नियत तारीख पर निदेशक ब्योरा नहीं देते हैं तो उन्हें स्वयं अदालत में उपस्थित होना होगा. दिवाकर सिंह की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने दिया है.

याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभु राय का कहना था कि 2013 में हिंदी विषय के 909 पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को नियुक्ति करनी थी लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान शासन ने पदों की संख्या घटाकर 721 कर दी. इस निर्णय के खिलाफ दाखिल याचिका में एकल न्याय पीठ में पदों की संख्या घटाए जाने को गलत करार देते हुए विज्ञापित पदों के सापेक्ष ही नियुक्त करने का आदेश दिया.

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एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई. खंडपीठ ने अपील खारिज करते हुए एकल पीठ के निर्णय को सही ठहराया. प्रदेश सरकार के अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट ने चयनित 720 पदों में से रिक्त रह गए पदों पर ही नियुक्ति करने का निर्देश दिया है, जिसकी प्रक्रिया की जा रही है, जबकि याची के अधिवक्ता का कहना था कि पदों को घटाया नहीं जा सकता है. 720 पदों के अलावा 909 पदों में से बचे हुए पदों पर भी नियुक्ति की जानी है. कोर्ट ने इस मामले में निदेशक विज्ञापन के तहत विभिन्न विषयों के अध्यापकों की नियुक्ति हेतु जारी पदों का ब्यौरा अगली तारीख पर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा से इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन संख्या 1 /2013 में रिक्त पदों का ब्यौरा तलब किया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि अगली नियत तारीख पर निदेशक ब्योरा नहीं देते हैं तो उन्हें स्वयं अदालत में उपस्थित होना होगा। दिवाकर सिंह की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने दिया है। याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभु राय का कहना था कि 2013 में हिंदी विषय के 909 पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने नियुक्ति करनी थी लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान शासन ने पदों की संख्या घटाकर 721 कर दी। इस निर्णय के खिलाफ दाखिल याचिका में एकल न्याय पीठ में पदों की संख्या घटाए जाने को गलत करार देते हुए विज्ञापित पदों के सापेक्ष ही नियुक्त करने का आदेश दिया एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई खंडपीठ ने अपील खारिज करते हुए एकल पीठ के निर्णय को सही ठहराया। प्रदेश सरकार के अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट ने चयनित 720 पदों में से रिक्त रह गए पदों पर ही नियुक्ति करने का निर्देश दिया है जिसकी प्रक्रिया की जा रही है जबकि याची के अधिवक्ता का कहना था कि पदों को घटाया नहीं जा सकता है। 720 पदों के अलावा 909 पदों में से बचे हुए पदों पर भी नियुक्ति की जानी है । कोर्ट ने इस मामले में निदेशक विज्ञापन के तहत विभिन्न विषयों के अध्यापकों की नियुक्ति हेतु जारी पदों का ब्यौरा अगली तारीख पर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है याचिका पर फरवरी में। सुनवाई होगी।
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