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प्रयागराज: DJ कारोबारियों पर हाईकोर्ट सख्त, नियम उल्लंघन पर 10 लाख का जुर्माना - Noise pollution news

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिव वाटिका बारात घर की याचिका पर सुनवाई करते हुए शादी घरों और डीजे पर कड़े निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने निर्देश दिया कि नियमों का उल्लंघन करने पर 10 लाख का जुर्माना वसूला जाएगा. साथ ही बार-बार नियमों का पालन न करने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Sep 28, 2019, 7:38 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूरे उत्तर प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाया है. कोर्ट ने शादी घरों में ध्वनि प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए नियमों का उल्लंघन करने पर 10 लाख का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है. साथ ही बार-बार नियमों का पालन न करने पर लाइसेंस निरस्त करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अगर कहीं भी डीजे बिना परमिशन का बजता दिखा तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित थाना और जिलाधिकारी की होगी.

डीजे कारोबारियों पर हाईकोर्ट सख्त.
डायल 100 पर की गई शिकायत पर होगी कार्रवाईडीजे बजाने को लेकर डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि किसी विवाह गृह में अधिक ध्वनि होने पर यदि पुलिस को 100 नम्बर पर शिकायत मिलती है तो पुलिस निर्देशों का पालन करे. इसके साथ ही कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सचिव से 6 नवम्बर की प्रगति रिपोर्ट मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति पीके एस बघेल और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने शिव वाटिका बारात घर और अन्य की याचिका पर दिया है.

पढे़ं- इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजम खां को बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर रोक

10 लाख तक अब होगा जुर्माना
कोर्ट ने कहा कि गए निर्देशों के तहत यदि कोई विवाह गृह ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून का पालन नहीं करता तो पहली गलती पर एक लाख, दूसरी गलती पर पांच लाख और तीसरी गलती पर 10 लाख रुपये जुर्माना वसूला जाएगा. तीन गलती के बाद जिलाधिकारी विवाह गृह का लाइसेंस निरस्त कर कार्रवाई करेंगे. कोर्ट ने कहा है कि कोई भी बारात विवाह घर से अधिकतम 100 मीटर की दूरी पर एकत्र होकर निकाली जाए. हर विवाह घर से एनसीटी नीति के अनुसार हलफनामा लिया जाए.

विवाह घर मानक के अनुरूप हो तैयार
प्रयागराज शहर में तमाम विवाह गृह चल रहे हैं, जो शहर वासियों के लिए परेशानियों का सबब बने हुए हैं. पीडीए ने भी माना कि विवाह गृह शहर की यातायात व्यवस्था के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा है कि मैरेज हॉल 1500 वर्ग गज में होने चाहिए. 18 मीटर चौड़ी सड़क पर 18 मीटर फ्रंटेज होना चाहिए. 30 फीसदी कवर एरिया और 40 फीसदी ओपन एरिया होना चाहिए. साथ ही वाहन पार्किंग की व्यवस्था हो. कोर्ट ने शहर के मास्टर प्लान और जोनल प्लान पर भी विचार किया और कहा कि केवल सिविल लाइंस में ही जोनल प्लान तैयार हुआ है. 19 साल बीत जाने पर भी शहर का जोनल प्लान तैयार नहीं किया जा सका है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूरे उत्तर प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाया है. कोर्ट ने शादी घरों में ध्वनि प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए नियमों का उल्लंघन करने पर 10 लाख का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है. साथ ही बार-बार नियमों का पालन न करने पर लाइसेंस निरस्त करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अगर कहीं भी डीजे बिना परमिशन का बजता दिखा तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित थाना और जिलाधिकारी की होगी.

डीजे कारोबारियों पर हाईकोर्ट सख्त.
डायल 100 पर की गई शिकायत पर होगी कार्रवाईडीजे बजाने को लेकर डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि किसी विवाह गृह में अधिक ध्वनि होने पर यदि पुलिस को 100 नम्बर पर शिकायत मिलती है तो पुलिस निर्देशों का पालन करे. इसके साथ ही कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सचिव से 6 नवम्बर की प्रगति रिपोर्ट मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति पीके एस बघेल और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने शिव वाटिका बारात घर और अन्य की याचिका पर दिया है.

पढे़ं- इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजम खां को बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर रोक

10 लाख तक अब होगा जुर्माना
कोर्ट ने कहा कि गए निर्देशों के तहत यदि कोई विवाह गृह ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून का पालन नहीं करता तो पहली गलती पर एक लाख, दूसरी गलती पर पांच लाख और तीसरी गलती पर 10 लाख रुपये जुर्माना वसूला जाएगा. तीन गलती के बाद जिलाधिकारी विवाह गृह का लाइसेंस निरस्त कर कार्रवाई करेंगे. कोर्ट ने कहा है कि कोई भी बारात विवाह घर से अधिकतम 100 मीटर की दूरी पर एकत्र होकर निकाली जाए. हर विवाह घर से एनसीटी नीति के अनुसार हलफनामा लिया जाए.

विवाह घर मानक के अनुरूप हो तैयार
प्रयागराज शहर में तमाम विवाह गृह चल रहे हैं, जो शहर वासियों के लिए परेशानियों का सबब बने हुए हैं. पीडीए ने भी माना कि विवाह गृह शहर की यातायात व्यवस्था के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा है कि मैरेज हॉल 1500 वर्ग गज में होने चाहिए. 18 मीटर चौड़ी सड़क पर 18 मीटर फ्रंटेज होना चाहिए. 30 फीसदी कवर एरिया और 40 फीसदी ओपन एरिया होना चाहिए. साथ ही वाहन पार्किंग की व्यवस्था हो. कोर्ट ने शहर के मास्टर प्लान और जोनल प्लान पर भी विचार किया और कहा कि केवल सिविल लाइंस में ही जोनल प्लान तैयार हुआ है. 19 साल बीत जाने पर भी शहर का जोनल प्लान तैयार नहीं किया जा सका है.

Intro:प्रयागराज: डीजे कारोबारियों पर हाईकोर्ट का कड़ा रुख, नियमों का पालन न करने पर होगा अब 10 लाख तक का जुर्माना

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूरे उत्तर प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाया है. कोर्ट ने शादी घरों में ध्वनि प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए नियमो का उल्लंघन करने पर भारी जुरमाना लगाने और बार-बार नियमों का पालन न करने पर लाइसेंस निरस्त करने का निर्देश दिया है. इसके साथ नियम के विरुद्ध डीजे बजा तो 10 लाख तक का जुर्माना करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही अगर कहीं भी डीजे बिना परमिशन का बजता दिखा तो इसके जिम्मेदारी संबंधित थाना और जिलाधिकारी की होगी.
कोर्ट ने कहा है कि ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियमों के तहत डीजे बजाने की अनुमति न दी जाए लेकिन निश्चित मात्रा से अधिक ध्वनि होने पर कार्यवाई की की जाए.




Body:डायल 100 पर किये गए शिकायत पर होगी कार्यवाही

डीजे बजाने को लेकर डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि किसी विवाह गृह में अधिक ध्वनि होने यदि पुलिस को 100 नम्बर पर शिकायत मिलती है तो पुलिस निर्देशो का पालन करें. इसके साथ ही कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सचिव से 6 नवम्बर प्रगति रिपोर्ट मांगी है.
यह आदेश न्यायमूर्ति पी के एस बघेल और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने शिव वाटिका बारात घर व अन्य की याचिका पर दिया है.

10 लाख तक अब होगा जुर्माना

कोर्ट ने कहा कि गए निर्देशों के तहत यदि कोई विवाह गृह ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून का पालन नही करता तो पहली गलती पर एक लाख,दूसरी गलती पर 5 लाख और तीसरी गलती पर 10 लाख रूपये जुर्माना वसूला जाएगा. तीन गलती के बाद जिलाधिकारी विवाह गृह का लाइसेंस निरस्त कर कार्यवाही करेंगे.





कोर्ट ने कहा है कि कोई भी बारात ,विवाह घर से अधिकतम 100 मीटर की दूरी पर एकत्र होकर निकाली जाय ।इसका पालन न करने पर विवाह घर के मालिक से जुर्माना लिया जाय ।

हर विवाह घर से एन सी टी नीति के अनुसार हलफनामा लिया जाय।कोर्ट ने प्रस्तावित बाइलॉज को लागू बाइलॉज के विपरीत होने के कारण अनुमोदित करने से इंकार कर दिया है।और कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार बाइलॉज तैयार किया जाय।




Conclusion:विवाह घर मानक के अनुरूप हो तैयार

मामले निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा है कि कानून के खिलाफ प्रयागराज शहर में तमाम विवाह गृह चल रहे है, जो शहर वासियों के लिए परेशानियों का सबब बने हुए है. पीडीए ने भी माना कि विवाह गृह शहर की यातायात व्यवस्था के लिए परेशानी खड़ी कर रहे है.

कोर्ट ने कहा है कि मैरेज हॉल1500 वर्ग गज में होने चाहिए.18 मीटर चौड़ी सड़क पर 18 मीटर फ्रंटेज होना चाहिए. 30 फीसदी कवर एरिया और 40 फीसदी ओपन एरिया होना चाहिए. साथ ही वाहन पार्किंग की व्यवस्था हो. कोर्ट ने शहर का मास्टर प्लान व जोनल प्लान पर भी विचार किया और कहा कि केवल सिविल लाइंस में ही जोनल प्लान तैयार हुआ है. 19 साल बीते पूरेशहर का जोनल प्लान तैयार नही किया जा सका है. मामले की याचिका की सुनवाई 6 नवम्बर को होगी.

बाइट- एसएन नाशीम, अधिवक्ता हाईकोर्ट

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