प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटरों की भर्ती में खाली पदों को लेकर शुक्रवार को सुनवाई की. आशीष कुमार और अन्य ने पुलिस विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटरों की भर्ती में खाली पदों को भरे जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है.
याची ने दाखिल याचिका के माध्यम से कहा है कि कई अभ्यर्थियों के कार्यभार ग्रहण न करने के कारण कई पद खाली पड़े हैं. उसने उन पदों को प्रतीक्षा सूची से भरे जाने की मांग की है. याचिका पर अधिवक्ता मुजीब अहमद सिद्दीकी ने बहस की.
याची का कहना है कि वे ओबीसी और एससी कैटेगरी के हैं. 2017 में कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया. उन्होंने उसमें आवेदन किया और लिखित परीक्षा व कंप्यूटर टाइपिंग टेस्ट में सफल रहे, लेकिन किसी वजह से उनका नाम सफल अभ्यर्थियों की अंतिम चयन सूची में नहीं आ पाया. इसके बाद उन्हें जानकारी मिली कि लिखित परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद और मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाए जाने पर कई अभ्यर्थी टेस्ट के लिए नहीं गए. इतना ही नहीं उन्होंने पद पर ज्वाइन भी नहीं किया है. ऐसी स्थिति में 34 पद रिक्त रह गए हैं. इन पदों को वेटिंग लिस्ट से भरा जाए.
पुलिस भर्ती खाली पदों को भरने की मांग में दाखिल याचिका पर हाइकोर्ट में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने राज्य सरकार से जवाब देने का आदेश दिया है.
पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को पुलिस भर्ती में आयुसीमा की छूट की मांग में याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2018 की पुलिस-पीएसी भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आयुसीमा में 5 वर्ष की छूट देने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है. याचिका पर सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने हरिहर प्रसाद निषाद की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता डीसी द्विवेदी ने बहस की.
याची का कहना है कि 26 नवम्बर 2018 को पुलिस भर्ती बोर्ड ने पुलिस भर्ती की विज्ञप्ति जारी की थी. इसमें अर्हता आयु 1 जुलाई 2018 को 22 वर्ष तय की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने राजेन्द्र सिंह केस में पुरूष अभ्यर्थियों को आयुसीमा में एक वर्ष की छूट दी. याची का कहना है कि क्षैतिज आरक्षण नियमों के तहत पिछडे वर्ग अभ्यर्थियों को आयुसीमा में 5 वर्ष की छूट रहेगी. याची की आयु उस समय 28 वर्ष थी. इसलिए उसे भी आवेदन भरने की अनुमति दी जानी चाहिए, किन्तु बोर्ड ने उसे अयोग्य घोषित कर दिया. सुप्रीम कोर्ट और पिछड़े वर्ग की छूट के अनुसार याची भी आवेदन भरने का हकदार है. हाईकोर्ट ने इस याचिका की अगली सुनवाई के लिए 5 अक्तूबर की तारीख तय की है.