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रैलियों और प्रदर्शन में चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग से जवाब-तलब - इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजनीतिक दलों की रैलियों-प्रदर्शनों में चुनाव चिह्न को प्रयोग करने पर भारतीय निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का समय दिया है.इस मामले में अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Jan 13, 2021, 9:24 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजनीतिक दलों की रैलियों-प्रदर्शनों में चुनाव चिह्न को प्रयोग करने की वैधता के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर भारतीय निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का अतिरिक्त समय दिया है. याची को अन्य राष्ट्रीय पार्टियों को पक्षकार बनाने की छूट दी है. याचिका की अगली सुनवाई 22फरवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने गोरखपुर के सामाजिक कार्यकर्ता कालीशंकर की जनहित याचिका पर दिया है.

याचिका में राष्ट्रीय पुष्प कमल को बीजेपी का चुनाव चिन्ह घोषित करने की वैधता को चुनौती दी गई है. सुनवाई के दौरान उठे चुनाव चिह्न का दुरुपयोग का मुद्दा उठा. जनप्रतिनिधित्व कानून आयोग को चुनाव लड़ने के लिए चिन्ह आवंटित करता है. जिसका राजनीतिक दल हमेशा इस्तेमाल करते हैं. यह सवाल भी उठा है कि राजनीतिक दलों का चुनाव चिह्न को हमेशा इस्तेमाल करने की अनुमति निर्दलीय प्रत्याशियों के प्रचार करने के अधिकार के अवसर को कम करता है. जो निष्पक्ष चुनाव के मानकों के विपरीत है. कोर्ट ने इस मामले में आयोग व सरकार से जवाब मांगा था. निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता बीएन सिंह ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है. जिसपर कोर्ट ने समय देते हुए सुनवाई की तिथि 22 फरवरी निर्धारित कर दी है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजनीतिक दलों की रैलियों-प्रदर्शनों में चुनाव चिह्न को प्रयोग करने की वैधता के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर भारतीय निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का अतिरिक्त समय दिया है. याची को अन्य राष्ट्रीय पार्टियों को पक्षकार बनाने की छूट दी है. याचिका की अगली सुनवाई 22फरवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने गोरखपुर के सामाजिक कार्यकर्ता कालीशंकर की जनहित याचिका पर दिया है.

याचिका में राष्ट्रीय पुष्प कमल को बीजेपी का चुनाव चिन्ह घोषित करने की वैधता को चुनौती दी गई है. सुनवाई के दौरान उठे चुनाव चिह्न का दुरुपयोग का मुद्दा उठा. जनप्रतिनिधित्व कानून आयोग को चुनाव लड़ने के लिए चिन्ह आवंटित करता है. जिसका राजनीतिक दल हमेशा इस्तेमाल करते हैं. यह सवाल भी उठा है कि राजनीतिक दलों का चुनाव चिह्न को हमेशा इस्तेमाल करने की अनुमति निर्दलीय प्रत्याशियों के प्रचार करने के अधिकार के अवसर को कम करता है. जो निष्पक्ष चुनाव के मानकों के विपरीत है. कोर्ट ने इस मामले में आयोग व सरकार से जवाब मांगा था. निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता बीएन सिंह ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है. जिसपर कोर्ट ने समय देते हुए सुनवाई की तिथि 22 फरवरी निर्धारित कर दी है.

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