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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UP SSSC और राज्य सरकार से इस मामले में मांगा जवाब - उ.प्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ.प्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UP SSSC) द्वारा आयोजित स्वास्थ्यकर्मियों व सुपरवाइजर भर्ती प्रारंभिक योग्यता परीक्षा की वैधता की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार व आयोग से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 16, 2021, 10:40 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ.प्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UP SSSC) द्वारा आयोजित स्वास्थ्यकर्मियों व सुपरवाइजर भर्ती प्रारंभिक योग्यता परीक्षा की वैधता की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार व आयोग से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. याची का कहना है कि 2018 की नियमावली से पहले यह नियुक्तियां आयोग के दायरे से बाहर थीं. बैच वार वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति की जाती थी. याचिका में नियमावली के कुछ उपबंधों को चुनौती दी गई है. याचिका की सुनवाई 13 अगस्त को होगी.

कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा परिणाम याचिका के निर्णय की विषयवस्तु होगा. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने प्रियंका शुक्ला व 11अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता संजय कुमार ओम व रवि प्रकाश शुक्ल ने बहस की. इनका कहना है कि याचीगण आक्सिलरी नर्स मेडवाइफ के रूप में संविदा पर कार्यरत हैं. पहले नियम था कि हेल्थ वर्कर पद पर बैच वार वरिष्ठता के आधार पर इनकी नियुक्ति की जाएगी. हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर कोर्ट के आदेश पर नियुक्ति की गयी है. अब श्री नियमावली से आयोग से चयन के आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गयी है, जिसे चुनौती दी गयी है. कोर्ट ने राज्य सरकार व आयोग से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ.प्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UP SSSC) द्वारा आयोजित स्वास्थ्यकर्मियों व सुपरवाइजर भर्ती प्रारंभिक योग्यता परीक्षा की वैधता की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार व आयोग से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. याची का कहना है कि 2018 की नियमावली से पहले यह नियुक्तियां आयोग के दायरे से बाहर थीं. बैच वार वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति की जाती थी. याचिका में नियमावली के कुछ उपबंधों को चुनौती दी गई है. याचिका की सुनवाई 13 अगस्त को होगी.

कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा परिणाम याचिका के निर्णय की विषयवस्तु होगा. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने प्रियंका शुक्ला व 11अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता संजय कुमार ओम व रवि प्रकाश शुक्ल ने बहस की. इनका कहना है कि याचीगण आक्सिलरी नर्स मेडवाइफ के रूप में संविदा पर कार्यरत हैं. पहले नियम था कि हेल्थ वर्कर पद पर बैच वार वरिष्ठता के आधार पर इनकी नियुक्ति की जाएगी. हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर कोर्ट के आदेश पर नियुक्ति की गयी है. अब श्री नियमावली से आयोग से चयन के आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गयी है, जिसे चुनौती दी गयी है. कोर्ट ने राज्य सरकार व आयोग से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है.

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