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विभागीय कार्रवाई के खिलाफ अपील लंबित होने से तबादला रोकना गलतः हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) ने कहा है कि विभागीय कार्रवाई के विरुद्ध अपील के लंबित होने के आधार पर स्थानांतरण रोकना गलत है. कोर्ट ने परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त शिक्षिका का अंतर जनपदीय तबादला आवेदन इस आधार पर निरस्त करने के बीएसए प्रयागराज के आदेश को रद्द कर दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Nov 22, 2020, 12:28 AM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) ने कहा है कि विभागीय कार्रवाई के विरुद्ध अपील के लंबित होने के आधार पर स्थानांतरण रोकना गलत है. कोर्ट ने परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त शिक्षिका का अंतर जनपदीय तबादला आवेदन इस आधार पर निरस्त करने के बीएसए प्रयागराज के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने शिक्षिका के आवेदन को पुनर्स्थापित करते हुए बीएसए को चार सप्ताह में नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है. ‌

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने अध्यापिका गौरी सिंह की याचिका पर दिया है. याची ने दो दिसंबर 2019 की नीति के तहत अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था. याची का आवेदन बीएसए प्रयागराज ने यह करते हुए निरस्त कर दिया कि उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई लंबित है.

जबकि वास्त‌विकता यह है कि याची के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी. जो 22 नवंबर 2018 को पूरी हो गई. बीएसए ने याची का एक इंक्रीमेंट रोक दिया है. इस आदेश के खिलाफ याची ने विभागीय अपील दाखिल की है जो अभी लंबित है. अपील लंबित रहने को विभागीय कार्रवाई मानते हुए बीएसए ने आवेदन निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने इसे अनुचित मानते हुए कहा कि अपील को विभागीय कार्रवाई नहीं माना जा सकता है. इस आधार पर स्थानांतरण का आवेदन निरस्त करना अनुचित है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) ने कहा है कि विभागीय कार्रवाई के विरुद्ध अपील के लंबित होने के आधार पर स्थानांतरण रोकना गलत है. कोर्ट ने परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त शिक्षिका का अंतर जनपदीय तबादला आवेदन इस आधार पर निरस्त करने के बीएसए प्रयागराज के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने शिक्षिका के आवेदन को पुनर्स्थापित करते हुए बीएसए को चार सप्ताह में नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है. ‌

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने अध्यापिका गौरी सिंह की याचिका पर दिया है. याची ने दो दिसंबर 2019 की नीति के तहत अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था. याची का आवेदन बीएसए प्रयागराज ने यह करते हुए निरस्त कर दिया कि उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई लंबित है.

जबकि वास्त‌विकता यह है कि याची के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी. जो 22 नवंबर 2018 को पूरी हो गई. बीएसए ने याची का एक इंक्रीमेंट रोक दिया है. इस आदेश के खिलाफ याची ने विभागीय अपील दाखिल की है जो अभी लंबित है. अपील लंबित रहने को विभागीय कार्रवाई मानते हुए बीएसए ने आवेदन निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने इसे अनुचित मानते हुए कहा कि अपील को विभागीय कार्रवाई नहीं माना जा सकता है. इस आधार पर स्थानांतरण का आवेदन निरस्त करना अनुचित है.

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