प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 में असफल अभ्यर्थियों की पुनर्मूल्यांकन की मांग को अस्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि आपत्ति पर विचार कर उत्तर कुंजी प्रकाशित की गई है तो आपत्ति न करने वाले अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट मे आकर आपत्ति के साथ पुनर्मूल्यांकन कराने की मांग करने का अधिकार नहीं है. समय पर आपत्ति न करने वाले को परीक्षा के बाद कोर्ट में आपत्ति करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने कहा कि याची के पास उचित कारण भी नहीं है कि वह आपत्ति दाखिल करने का अवसर क्यों नहीं ले सका था.
हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने अलका यादव व 3 अन्य एवं वीरेन्द्र मणि शुक्ल की याचिकाओं पर दिया. याचिका पर अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी व मुख्य स्थाई अधिवक्ता बिपिन बिहारी पांडेय ने प्रतिवाद किया. इनका कहना था कि 6 जनवरी 2019 को परीक्षा हुई. 8 जनवरी को उत्तर कुंजी प्रकाशित की गई और इस पर 11 जनवरी तक आपत्ति मांगी गई. 20,557 अभ्यर्थियों ने आपत्तियां दाखिल कीं. 150 सवालों में से 142 पर आपत्ति की गई, जिसे विशेषज्ञ कमेटी के सामने रखा गया. तीन सवाल कोर्स से बाहर पाए जाने के कारण इसका लाभ सभी अभ्यर्थियों को दिया गया. याचीगण ने आपत्ति दाखिल नहीं किया. अंतिम उत्तर कुंजी 8 मई 2020 को प्रकाशित की गई.
सरकार ने रखा अपना पक्ष
सरकार की तरफ से कहा गया कि याचियों ने आपत्ति दाखिल करना उचित नहीं समझा और परीक्षा में असफल होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पुनर्मूल्यांकन की मांग की है. इसकी अनुमति देने से चयन प्रक्रिया पूरी करने में अनावश्यक देरी होगी.