प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई नहीं की जाएगी.
कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष इस जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए आग्रह किया गया था. गाजियाबाद के भोला दास की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि अयोध्या में 22 जनवरी को जो धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है, उसके तहत निर्माणाधीन मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यह प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जानी है. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो रहे हैं.
याची का कहना है कि यह प्राण प्रतिष्ठा गलत है. क्योंकि, सनातन धर्म के अगुवा शंकराचार्यों की ओर से इस पर आपत्ति की गई है. शंकराचार्यों ने इसे सनातन प्रक्रिया के विपरीत माना है. साथ ही निर्माणाधीन मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती है. याची ने इसे भाजपा का आगामी लोकसभा का चुनावी स्टंट माना है. याची के अधिवक्ता अनिल कुमार बिंद ने बताया कि उन्होंने याचिका पर तुरंत सुनवाई के लिए गुहार लगाई. लेकिन, कोर्ट ने उसे अस्वीकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि वह फिलहाल इस जनहित याचिका पर सुनवाई नहीं करेगी.
यह भी पढ़ें: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व होने वाले धार्मिक आयोजनों को रोकने के लिए हाईकोर्ट याचिका दाखिल
यह भी पढ़ें: कड़ी सुरक्षा के बीच जन्मभूमि परिसर में पहुंची रामलला की मूर्ति, 18 जनवरी को गर्भगृह में होगी स्थापित