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जन्म प्रमाण-पत्र केस: आजम खां के बेटे को हाईकोर्ट से झटका, मुकदमा रद्द करने से किया इनकार

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Published : Feb 15, 2020, 5:17 PM IST

जन्म प्रमाण-पत्र मामले में एसपी नेता आजम खां की ओर से एक याचिका दायर की गई थी. इसमें मांग की गई थी कि इस केस में दर्ज मुकदमे और चार्जशीट को रद्द किया जाए, लेकिन कोर्ट ने इस बात से इनकार कर दिया है.

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आजम खां के बेटे को हाईकोर्ट से झटका.

प्रयागराज: रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खां, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा व बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. गौरतलब है कि फर्जी प्रमाण पत्र मामले में रामपुर जिला अदालत में मुकदमा चल रहा है. दरअसल राजनीतिक दल के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खां पर स्वार से विधायक बनने के लिए फर्जी जन्मतिथि तैयार कराने का आरोप लगाया है. पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए एसीजेएम रामपुर ने आरोपियों को सम्मन जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया है. वहीं मुकदमे की कार्रवाई और चार्जशीट को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है.

यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने मोहम्मद आजम खां व दो अन्य की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा है कि चार्जशीट से प्रथम दृष्ट्या आपराधिक मुकदमा चलाने का पर्याप्त आधार मौजूद है. ऐसे में मुकदमे को रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी भी व्यक्ति को अपराध की प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार है. वहीं चार्जशीट से प्रथम दृष्ट्या आपराधिक केस बनता हो तो आरोप के साक्ष्य पर मुकदमे के विचारण के समय विचार किया जायेगा. प्रथम दृष्ट्या अपराध कारित हो रहा हो तो कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकती. कोर्ट के इस फैसले से आजम खां के परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती है.

इसे भी पढ़ें: जौहर यूनिवर्सिटी पर सीलिंग की कार्रवाई, राजस्व न्यायालय में होगी सुनवाई

बता दें कि अब्दुल्ला आजम खां ने हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, बीटेक व एमटेक की शिक्षा हासिल की, जिसमें 1 जनवरी 1993 जन्म तिथि दर्ज है. वहीं 28 जून 2012 को अब्दुल्ला आजम खां की रामपुर नगर पालिका परिषद से जन्मतिथि प्रमाण पत्र बनवाया गया, जो बाद में बदलाव करते हुए 30 सितम्बर 1990 जन्मतिथि की गई. वहीं इसे निरस्त कराए बगैर नगरपालिका परिषद लखनऊ से 2015 में दोबारा 30 सितम्बर 1990 की जन्मतिथि से प्रमाण पत्र बनवाया गया.

वहीं धोखाधड़ी के आरोप में तीनों लोगों के खिलाफ आकाश सक्सेना ने गंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. जिसमें पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है. इसी पर कायम आपराधिक मुकदमे को रद्द करने की मांग की गई थी.

प्रयागराज: रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खां, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा व बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. गौरतलब है कि फर्जी प्रमाण पत्र मामले में रामपुर जिला अदालत में मुकदमा चल रहा है. दरअसल राजनीतिक दल के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खां पर स्वार से विधायक बनने के लिए फर्जी जन्मतिथि तैयार कराने का आरोप लगाया है. पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए एसीजेएम रामपुर ने आरोपियों को सम्मन जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया है. वहीं मुकदमे की कार्रवाई और चार्जशीट को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है.

यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने मोहम्मद आजम खां व दो अन्य की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा है कि चार्जशीट से प्रथम दृष्ट्या आपराधिक मुकदमा चलाने का पर्याप्त आधार मौजूद है. ऐसे में मुकदमे को रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी भी व्यक्ति को अपराध की प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार है. वहीं चार्जशीट से प्रथम दृष्ट्या आपराधिक केस बनता हो तो आरोप के साक्ष्य पर मुकदमे के विचारण के समय विचार किया जायेगा. प्रथम दृष्ट्या अपराध कारित हो रहा हो तो कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकती. कोर्ट के इस फैसले से आजम खां के परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती है.

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बता दें कि अब्दुल्ला आजम खां ने हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, बीटेक व एमटेक की शिक्षा हासिल की, जिसमें 1 जनवरी 1993 जन्म तिथि दर्ज है. वहीं 28 जून 2012 को अब्दुल्ला आजम खां की रामपुर नगर पालिका परिषद से जन्मतिथि प्रमाण पत्र बनवाया गया, जो बाद में बदलाव करते हुए 30 सितम्बर 1990 जन्मतिथि की गई. वहीं इसे निरस्त कराए बगैर नगरपालिका परिषद लखनऊ से 2015 में दोबारा 30 सितम्बर 1990 की जन्मतिथि से प्रमाण पत्र बनवाया गया.

वहीं धोखाधड़ी के आरोप में तीनों लोगों के खिलाफ आकाश सक्सेना ने गंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. जिसमें पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है. इसी पर कायम आपराधिक मुकदमे को रद्द करने की मांग की गई थी.

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