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बॉयोलॉजी प्रवक्ता के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया 3 महीने में पूरी करे सरकार: हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बॉयोलॉजी प्रवक्ता के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तीन महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर यह भी बताने को कहा है कि प्रदेश सरकार ने इसके लिए नियमावली में संशोधन किया या नहीं.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Jan 14, 2020, 7:36 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंटर कॉलेजों में बॉयोलॉजी प्रवक्ता के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तीन महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने दिया.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा की ओर से दाखिल हलफनामे में जानकारी दी गई कि राज्य सरकार ने इन पदों को समाप्त करने की 12 जुलाई 2018 की अधिूसचना को वापस लेते हुए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 2016 में विज्ञापित 304 पदों के सापेक्ष नियुक्तियां पूरी करने को कहा है. इस पर कोर्ट ने बायोलॉजी प्रवक्ताओं की चयन प्रक्रिया तीन माह में पूरी करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर यह भी बताने को कहा है कि प्रदेश सरकार ने इसके लिए नियमावली में संशोधन किया या नहीं.

राज्य सरकार ने छह जून 2016 को इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता चयन का विज्ञापन जारी किया था. फिर 12 जुलाई 2018 को अधिसूचना जारी कर इसमें बायोलॉजी के पद समाप्त कर दिए. सरकार का कहना था कि विज्ञान के सभी विषयों को मिलाकर सामान्य विज्ञान विषय बनाया गया है. इसके बाद याचिका दाखिल की गई.

कोर्ट में प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि बायोलॉजी हाईस्कूल में विज्ञान के साथ अलग से विषय है, इसलिए साइंस टीचर की अर्हता में अलग से इस विषय को शामिल करने की आवश्यकता नहीं है. साइंस टीचर के लिए योग्यता बीएससी, रसायन विज्ञान व भौतिकी है.

ये भी पढ़ें: प्रयागराज: परीक्षा परिणाम को लेकर अनशन पर बैठे एलटी ग्रेड अभ्यर्थी

याचियों की ओर से कहा गया कि जंतु विज्ञान विषय को समाप्त नहीं किया गया है. उस अध्यापक से जंतु विज्ञान पढ़ाने की उपेक्षा कैसे की जा सकती है, जिसने इंटरमीडिएट स्तर पर भी बायोलॉजी नहीं पढ़ी है. इस मुद्दे पर कई बार जवाब मांगने पर भी राज्य सरकार की ओर से कोई अपेक्षित जवाब नहीं दिया गया.

याचिका पर बीते दिसंबर माह में हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा को स्पष्ट निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक इस मामले में निर्णय नहीं लिया जाता तो वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंटर कॉलेजों में बॉयोलॉजी प्रवक्ता के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तीन महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने दिया.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा की ओर से दाखिल हलफनामे में जानकारी दी गई कि राज्य सरकार ने इन पदों को समाप्त करने की 12 जुलाई 2018 की अधिूसचना को वापस लेते हुए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 2016 में विज्ञापित 304 पदों के सापेक्ष नियुक्तियां पूरी करने को कहा है. इस पर कोर्ट ने बायोलॉजी प्रवक्ताओं की चयन प्रक्रिया तीन माह में पूरी करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर यह भी बताने को कहा है कि प्रदेश सरकार ने इसके लिए नियमावली में संशोधन किया या नहीं.

राज्य सरकार ने छह जून 2016 को इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता चयन का विज्ञापन जारी किया था. फिर 12 जुलाई 2018 को अधिसूचना जारी कर इसमें बायोलॉजी के पद समाप्त कर दिए. सरकार का कहना था कि विज्ञान के सभी विषयों को मिलाकर सामान्य विज्ञान विषय बनाया गया है. इसके बाद याचिका दाखिल की गई.

कोर्ट में प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि बायोलॉजी हाईस्कूल में विज्ञान के साथ अलग से विषय है, इसलिए साइंस टीचर की अर्हता में अलग से इस विषय को शामिल करने की आवश्यकता नहीं है. साइंस टीचर के लिए योग्यता बीएससी, रसायन विज्ञान व भौतिकी है.

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याचियों की ओर से कहा गया कि जंतु विज्ञान विषय को समाप्त नहीं किया गया है. उस अध्यापक से जंतु विज्ञान पढ़ाने की उपेक्षा कैसे की जा सकती है, जिसने इंटरमीडिएट स्तर पर भी बायोलॉजी नहीं पढ़ी है. इस मुद्दे पर कई बार जवाब मांगने पर भी राज्य सरकार की ओर से कोई अपेक्षित जवाब नहीं दिया गया.

याचिका पर बीते दिसंबर माह में हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा को स्पष्ट निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक इस मामले में निर्णय नहीं लिया जाता तो वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें.

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंटर कॉलेजों में बॉयोलॉजी प्रवक्ता के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तीन महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने दिया है। 
कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा की ओर से दाखिल हलफनामे में जानकारी दी गई कि राज्य सरकार ने इन पदों को समाप्त करने की 12 जुलाई 2018 की अधिूसचना को वापस लेते हुए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 2016 में विज्ञापित 304 पदों के सापेक्ष नियुक्तियां पूरी करने को कहा है। इस पर कोर्ट ने बायोलॉजी प्रवक्ताओं की चयन प्रक्रिया तीन माह में पूरी करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर यह भी बताने को कहा है कि प्रदेश सरकार ने इसके लिए नियमावली में संशोधन किया या नहीं। 
राज्य सरकार ने छह जून 2016 को इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता चयन का विज्ञापन जारी किया था। फिर 12 जुलाई 2018 को अधिसूचना जारी कर इसमें बायोलॉजी के पद समाप्त कर दिए। सरकार का कहना था कि विज्ञान के सभी विषयों को मिलाकर सामान्य विज्ञान विषय बनाया गया है। इसके बाद याचिका दाखिल की गई। कोर्ट में प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि बायोलॉजी हाईस्कूल में विज्ञान के साथ अलग से विषय है इसलिए साइंस टीचर की अर्हता में अलग से इस विषय को शामिल करने की आवश्यकता नहीं है। साइंस टीचर के लिए योग्यता बीएससी रसायन विज्ञान व भौतिकी  है। याचियों की ओर से कहा गया कि जंतु विज्ञान विषय को समाप्त नहीं किया गया है। उस अध्यापक से जंतु विज्ञान पढ़ानेे की उपेक्षा कैसे की जा सकती है, जिसने इंटरमीडिएट स्तर पर भी बायोलॉजी नहीं पढ़ी है। इस मुद्दे पर कई बार जवाब मांगने पर भी राज्य सरकार की ओर से कोई अपेक्षित जवाब नहीं दिया गया। 
याचिका पर बीते दिसंबर माह में हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा को स्पष्ट निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक इस मामले में निर्णय नहीं लिया जाता तो वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें।
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