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HC का आदेश, तीन महीने से ज्यादा नहीं रखा जा सकता कर्मचारी को सस्पेंड

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस इंस्पेक्टर केशव वर्मा के निलंबन पर रोक (Police suspension stayed) लगा दी है. साथ ही एसएसपी प्रयागराज से चार सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट
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Published : Sep 15, 2022, 7:58 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश (Allahabad High Court order) में कहा है कि किसी कर्मचारी को तीन माह से ज्यादा निलंबित नहीं रखा जा सकता. यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने प्रयागराज के हंडिया थाने में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर केशव वर्मा की याचिका (Police Inspector Keshav Verma petition) पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम को सुनकर दिया है. इसी के साथ कोर्ट ने इंस्पेक्टर वर्मा के निलंबन पर रोक (Police suspension stayed) लगा दी है. साथ ही एसएसपी प्रयागराज से चार सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है.

पुलिस इंस्पेक्टर केशव वर्मा को 11 अप्रैल 2022 को निलंबित कर दिया गया था. तीन माह बीत जाने के बाद भी उसे कोई विभागीय चार्जशीट नहीं दी गई थी. याची को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील नियमावली) 1991 के नियम 17 (1)(क) के प्रावधानों के तहत निलंबित कर पुलिस लाइन प्रयागराज में अटैच कर दिया गया था. याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि निलंबन आदेश नियम एवं कानून के विरुद्ध है. निलंबन आदेश हुए तीन माह से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन, विभाग ने याची को अब तक कोई विभागीय चार्जशीट नहीं दी है. इस प्रकार निलंबन आदेश अजय कुमार चौधरी के केस में सुप्रीम कोर्ट की विधि व्यवस्था के विरुद्ध है और निरस्त किए जाने योग्य है.

मामले के अनुसार याची जब फतेहपुर कल्याणपुर थाने में तैनात था तो उसने लड़की के अपहरण में नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन, अपहृता की बरामदगी का सार्थक प्रयास नहीं किया था. लड़की की बरामदगी न हो पाने पर हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज परिक्षेत्र को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से तलब किया था. इस कारण बाद में याची को इस मामले में प्रयागराज में तैनाती के दौरान निलंबित कर दिया गया.

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर के डीएम से मांगा स्पष्टीकरण, जानिए क्यों

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश (Allahabad High Court order) में कहा है कि किसी कर्मचारी को तीन माह से ज्यादा निलंबित नहीं रखा जा सकता. यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने प्रयागराज के हंडिया थाने में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर केशव वर्मा की याचिका (Police Inspector Keshav Verma petition) पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम को सुनकर दिया है. इसी के साथ कोर्ट ने इंस्पेक्टर वर्मा के निलंबन पर रोक (Police suspension stayed) लगा दी है. साथ ही एसएसपी प्रयागराज से चार सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है.

पुलिस इंस्पेक्टर केशव वर्मा को 11 अप्रैल 2022 को निलंबित कर दिया गया था. तीन माह बीत जाने के बाद भी उसे कोई विभागीय चार्जशीट नहीं दी गई थी. याची को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील नियमावली) 1991 के नियम 17 (1)(क) के प्रावधानों के तहत निलंबित कर पुलिस लाइन प्रयागराज में अटैच कर दिया गया था. याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि निलंबन आदेश नियम एवं कानून के विरुद्ध है. निलंबन आदेश हुए तीन माह से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन, विभाग ने याची को अब तक कोई विभागीय चार्जशीट नहीं दी है. इस प्रकार निलंबन आदेश अजय कुमार चौधरी के केस में सुप्रीम कोर्ट की विधि व्यवस्था के विरुद्ध है और निरस्त किए जाने योग्य है.

मामले के अनुसार याची जब फतेहपुर कल्याणपुर थाने में तैनात था तो उसने लड़की के अपहरण में नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन, अपहृता की बरामदगी का सार्थक प्रयास नहीं किया था. लड़की की बरामदगी न हो पाने पर हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज परिक्षेत्र को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से तलब किया था. इस कारण बाद में याची को इस मामले में प्रयागराज में तैनाती के दौरान निलंबित कर दिया गया.

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