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हाईकोर्ट ने जारी किया एसएसपी मथुरा को अवमानना नोटिस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी मथुरा को अवमानना नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही एक महीने में अनुपालन रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने तीन महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन नहीं किया गया.

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Published : Jan 28, 2021, 5:10 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी मथुरा को अवमानना नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही एक महीने में अनुपालन रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने तीन महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन नहीं किया गया. इस कारण यह अवमानना याचिका दायर की गई है.

हाईकोर्ट ने प्रथमदृष्टया आदेश की अवहेलना करने को अवमानना माना है. हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश का पालन नहीं हुआ, तो तलब कर अवमानना आरोप निर्मित किया जाएगा. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने माधव सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता धर्मेन्द्र सिंह ने बहस की. इससे पहले कोर्ट ने जिला पंचायत राज अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से हुए फर्जीवाड़े की तीन माह में निष्पक्ष जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन नहीं किया गया.

बछगांव के निवासी माधव सिंह ने थाना मगौर्रा में कोर्ट के जरिए 29 नवंबर 2019 को एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें ग्राम प्रधान और अन्य के खिलाफ षड्यंत्र, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा कर लोगों को सरकारी धन का अनुचित लाभ दिया है. चार लोग जिनकी कई साल पहले मौत हुई थी, 2017 में मृत होने का प्रमाणपत्र देकर वारिसों को अवैध तरीके से लाभ पहुंचाया था. जिंदा लोगों को मृत्यु प्रमाणपत्र देकर उनकी पत्नी को विधवा पेंशन का भुगतान किया गया. याची ने सबूतों के साथ हलफनामा दाखिल कर सही जांच कर कार्रवाई की मांग की थी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी मथुरा को अवमानना नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही एक महीने में अनुपालन रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने तीन महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन नहीं किया गया. इस कारण यह अवमानना याचिका दायर की गई है.

हाईकोर्ट ने प्रथमदृष्टया आदेश की अवहेलना करने को अवमानना माना है. हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश का पालन नहीं हुआ, तो तलब कर अवमानना आरोप निर्मित किया जाएगा. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने माधव सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता धर्मेन्द्र सिंह ने बहस की. इससे पहले कोर्ट ने जिला पंचायत राज अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से हुए फर्जीवाड़े की तीन माह में निष्पक्ष जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन नहीं किया गया.

बछगांव के निवासी माधव सिंह ने थाना मगौर्रा में कोर्ट के जरिए 29 नवंबर 2019 को एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें ग्राम प्रधान और अन्य के खिलाफ षड्यंत्र, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा कर लोगों को सरकारी धन का अनुचित लाभ दिया है. चार लोग जिनकी कई साल पहले मौत हुई थी, 2017 में मृत होने का प्रमाणपत्र देकर वारिसों को अवैध तरीके से लाभ पहुंचाया था. जिंदा लोगों को मृत्यु प्रमाणपत्र देकर उनकी पत्नी को विधवा पेंशन का भुगतान किया गया. याची ने सबूतों के साथ हलफनामा दाखिल कर सही जांच कर कार्रवाई की मांग की थी.

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