प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महराजगंज के निचलौल के एसडीएम सत्यम मिश्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उन्हें याचियों को अवैध निरुद्धि में रखने के लिए मुआवजा/हर्जाना के आदेश देने की बात कही. वहीं कोर्ट ने 5 सितम्बर तक व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है.
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति श्रीमती मंजुरानी चौहान की खंडपीठ ने सुरेश मणि त्रिपाठी व अनुराग मणि त्रिपाठी की याचिका पर दिया. याचिका पर अधिवक्ता रितेश श्रीवास्तव ने बहस की.
याचीगण को आपसी विवाद में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया था. वहीं धारा 111 में पाबंद करने की नोटिस भी दी गयी. याची ने 50 हजार का बॉन्ड भरा था. वहीं एसडीएम ने धारा 116 के तहत बिना कारण बताए बॉन्ड के सत्यापन होने तक उसे अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया.
11 अगस्त को एसडीएम ने याचियों को जेल भेज दिया. इनके द्वारा दिये गए बॉन्ड के सत्यापन के बाद 18 अगस्त को पेश करने का आदेश दिया. वहीं पेशी के समय एसडीएम नौतनवा और एसडीएम फरेंदा लिंक अधिकारी भी छुट्टी पर थे.
18 अगस्त को सुरेश मणि को बॉन्ड भरने के कारण रिहा कर दिया गया लेकिन वहीं बॉन्ड न भरने के कारण अनुराग मणि को रिहा नहीं किया गया. इसी कड़ी में हाई कोर्ट में बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गयी. कोर्ट ने तत्काल रिहाई का आदेश देते हुए जवाब मांगा.
याची अधिवक्ता का तर्क था कि-
- धारा 111 के तहत पाबंद करने का नोटिस जारी करने में कानून का पालन नही किया गया.
- जेल भेजने के आदेश देने का कारण नहीं बताया गया, जिसके कारण निरुद्धि अवैध है.
- कोर्ट ने याची की बहस और कानूनी पहलुओं पर विचार करते हुए निरुद्धि को कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप नहीं माना.
- वहीं 9 दिन तक अवैध निरुद्धि के लिए उन्हें मुआवजा दिलाये जाने की बात कही.
- इसके चलते एसडीएम से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा गया है.