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टीजीटी नियुक्ति मामला, HC ने प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों का नया पैनल बनाने का दिया निर्देश - उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड

टीजीटी नियुक्ति मामले (TGT Appointment Case) में इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court instructions) ने प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों के लिए नया पैनल गठित करने का निर्देश दिया है.

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Published : Oct 1, 2022, 8:40 PM IST

प्रयागराज: प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक भर्ती (टीजीटी) की प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों की नियुक्तियों ( TGT Appointment Case) में भारी अनियमितता को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court instructions) ने प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों के लिए नया पैनल गठित करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पूरे प्रदेश में सभी संस्थानों में रिक्त पदों पर नियुक्तियां इसी पैनल से करने के लिए कहा है, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचा जा सके. कोर्ट ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया है. साथ ही, भविष्य में होने वाली नियुक्तियों के लिए भी प्रतीक्षा सूची वाले अभ्यर्थियों के लिए फार्मूला तय किया है.

मनोज कुमार पांडे की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को व्यापक निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि निदेशालय और बोर्ड अपनी-अपनी वेबसाइट पर रिक्त पदों पर प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों की नियुक्ति से संबंधित सूचना 7 अक्टूबर तक अपलोड कर दें. वेबसाइट पर बोर्ड व निदेशालय विषय और वर्ग के अनुसार सभी जानकारी 15 अक्टूबर तक अपलोड करें. यह जानकारी अपलोड होने के बाद प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों को रिक्त पदों पर नियुक्ति का प्रस्ताव उनके विषय में वर्ग के अनुसार बोर्ड द्वारा दिया जाएगा.

कोर्ट ने कहा है कि बोर्ड अपनी वेबसाइट पर चिन्हित रिक्त पदों का पूरा चार्ट दें, जिसमें विशेष रूप से उन पदों को जो भरे जाने से रह गए हैं की जानकारी दी जाएगी. यदि कोई विशेष पद किसी अंतरिम आदेश की वजह से रिक्त रखा गया है, तो 15 नवंबर तक उसकी भी जानकारी देनी होगी. इसके बाद प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों को नए सिरे से उनकी पसंद के संस्थान और जिले के बारे में जानकारी देनी होगी. बोर्ड अभ्यर्थियों द्वारा दी गई जानकारी उनकी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर्ड कर देगा. एक बार अभ्यर्थी की चॉइस रजिस्टर्ड हो जाने के बाद उसमें परिवर्तन की गुंजाइश नहीं होगी. अभ्यर्थियों को अपनी चॉइस रजिस्टर करवाने के लिए 3 दिन का समय दिया जाएगा. यह कार्य 28 से 30 नवंबर तक पूरा करना है.

कोर्ट ने यह सभी सूचनाएं पूरी हो जाने के बाद बोर्ड पैनल वन का गठन करेगा और इसकी सूचना 2 सप्ताह के भीतर सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को उपलब्ध करानी होगी. जिला विद्यालय निरीक्षक यह सूचना प्राप्त होने के बाद संबंधित संस्थान और अभ्यर्थी को पत्र द्वारा सूचित करेंगे. इस प्रकार से नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. कोर्ट ने यह पूरी प्रक्रिया 15 अप्रैल 2023 तक पूरी करने का निर्देश दिया है. इसके बाद सभी जिलों के डीआईओएस अपने जिले में उपलब्ध रिक्तियों की फिर से समीक्षा करेंगे. यदि इसके बाद भी पद रिक्त रह जाते हैं तो इसी प्रक्रिया का पालन करते हुए पैनल टू का भी गठन किया जाए. जब तक सभी पद भर नहीं जाते है. कोर्ट ने कहा है कि यही फार्मूला भविष्य में वर्तमान में प्रचलित नियुक्तियों में भी अपनाया जाए.

याचिका में कहा गया था कि टीजीटी परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा सूची में याची को 40वें स्थान पर रखा गया था. 1050 रिक्तियों के सापेक्ष चयनित अभ्यर्थियों में से बहुत से ने ज्वाइन नहीं किया. इसके बाद रिक्त पदों पर प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों नियुक्ति दी जानी चाहिए. मगर प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति दिए जाने में संस्थान और संबंधित जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षक मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं. प्रतीक्षा सूची की मेरिट का ध्यान रखें बिना अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जा रही है. पूरे प्रदेश के संस्थानों की नियुक्तियों के लिए कोई एक फार्मूला ना होने के कारण अधिकारी और संस्थान मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं. इसके मद्देनजर कोर्ट ने विस्तृत फार्मूला तय किया है जिसके तहत नियुक्तियां करनी होगी.

यह भी पढ़ें: High Court News : TGT सहायक अध्यापक भर्ती को चुनौती याचिका पर चयन बोर्ड व राज्य सरकार से मांगा जवाब

प्रयागराज: प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक भर्ती (टीजीटी) की प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों की नियुक्तियों ( TGT Appointment Case) में भारी अनियमितता को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court instructions) ने प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों के लिए नया पैनल गठित करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पूरे प्रदेश में सभी संस्थानों में रिक्त पदों पर नियुक्तियां इसी पैनल से करने के लिए कहा है, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचा जा सके. कोर्ट ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया है. साथ ही, भविष्य में होने वाली नियुक्तियों के लिए भी प्रतीक्षा सूची वाले अभ्यर्थियों के लिए फार्मूला तय किया है.

मनोज कुमार पांडे की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को व्यापक निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि निदेशालय और बोर्ड अपनी-अपनी वेबसाइट पर रिक्त पदों पर प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों की नियुक्ति से संबंधित सूचना 7 अक्टूबर तक अपलोड कर दें. वेबसाइट पर बोर्ड व निदेशालय विषय और वर्ग के अनुसार सभी जानकारी 15 अक्टूबर तक अपलोड करें. यह जानकारी अपलोड होने के बाद प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों को रिक्त पदों पर नियुक्ति का प्रस्ताव उनके विषय में वर्ग के अनुसार बोर्ड द्वारा दिया जाएगा.

कोर्ट ने कहा है कि बोर्ड अपनी वेबसाइट पर चिन्हित रिक्त पदों का पूरा चार्ट दें, जिसमें विशेष रूप से उन पदों को जो भरे जाने से रह गए हैं की जानकारी दी जाएगी. यदि कोई विशेष पद किसी अंतरिम आदेश की वजह से रिक्त रखा गया है, तो 15 नवंबर तक उसकी भी जानकारी देनी होगी. इसके बाद प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों को नए सिरे से उनकी पसंद के संस्थान और जिले के बारे में जानकारी देनी होगी. बोर्ड अभ्यर्थियों द्वारा दी गई जानकारी उनकी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर्ड कर देगा. एक बार अभ्यर्थी की चॉइस रजिस्टर्ड हो जाने के बाद उसमें परिवर्तन की गुंजाइश नहीं होगी. अभ्यर्थियों को अपनी चॉइस रजिस्टर करवाने के लिए 3 दिन का समय दिया जाएगा. यह कार्य 28 से 30 नवंबर तक पूरा करना है.

कोर्ट ने यह सभी सूचनाएं पूरी हो जाने के बाद बोर्ड पैनल वन का गठन करेगा और इसकी सूचना 2 सप्ताह के भीतर सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को उपलब्ध करानी होगी. जिला विद्यालय निरीक्षक यह सूचना प्राप्त होने के बाद संबंधित संस्थान और अभ्यर्थी को पत्र द्वारा सूचित करेंगे. इस प्रकार से नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. कोर्ट ने यह पूरी प्रक्रिया 15 अप्रैल 2023 तक पूरी करने का निर्देश दिया है. इसके बाद सभी जिलों के डीआईओएस अपने जिले में उपलब्ध रिक्तियों की फिर से समीक्षा करेंगे. यदि इसके बाद भी पद रिक्त रह जाते हैं तो इसी प्रक्रिया का पालन करते हुए पैनल टू का भी गठन किया जाए. जब तक सभी पद भर नहीं जाते है. कोर्ट ने कहा है कि यही फार्मूला भविष्य में वर्तमान में प्रचलित नियुक्तियों में भी अपनाया जाए.

याचिका में कहा गया था कि टीजीटी परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा सूची में याची को 40वें स्थान पर रखा गया था. 1050 रिक्तियों के सापेक्ष चयनित अभ्यर्थियों में से बहुत से ने ज्वाइन नहीं किया. इसके बाद रिक्त पदों पर प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों नियुक्ति दी जानी चाहिए. मगर प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति दिए जाने में संस्थान और संबंधित जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षक मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं. प्रतीक्षा सूची की मेरिट का ध्यान रखें बिना अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जा रही है. पूरे प्रदेश के संस्थानों की नियुक्तियों के लिए कोई एक फार्मूला ना होने के कारण अधिकारी और संस्थान मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं. इसके मद्देनजर कोर्ट ने विस्तृत फार्मूला तय किया है जिसके तहत नियुक्तियां करनी होगी.

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