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वकालत के साथ अन्य व्यवसाय पर वकील के खिलाफ जांच के निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी बार काउंसिल को वकालत के साथ अन्य व्यवसाय करने के मामले में वकील के खिलाफ जांच का निर्देश दिया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Nov 10, 2022, 10:30 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court Instructions) ने यूपी बार काउंसिल को वकालत के साथ अन्य व्यवसाय करने के मामले में एक अधिवक्ता के खिलाफ जांच का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने सहारनपुर के अनिल कुमार जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है.

कोर्ट ने यूपी बार काउंसिल को मामले की जांच करने और अधिवक्ता के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. अधिवक्ता ने एक प्राथमिकी में खुलासा किया कि वह मे सर्स अयुर्हर्ब्स रेमेडीज इंडिया का मालिक है. अपनी कंपनी के खाते से धन के नुकसान की एफआईआर करने पर अधिवक्ता को व्यवसाय चलाने वाला पाया गया. अधिवक्ता ने एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें कहा गया था कि किसी ने उसकी प्रोपराइटरशिप फर्म के चालू खाते से धोखाधड़ी से पांच सौ रुपये और 15 हजार रुपये निकाल लिए. उसके बाद पुलिस ने मामले के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें याची भी शामिल था.

कोर्ट ने याची की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए अपने आदेश में कहा कि मामले से अलग होने से पहले न्यायालय इस तथ्य पर ध्यान देने के लिए बाध्य है कि मुखबिर ने खुद को एक अधिवक्ता के रूप में वर्णित किया है. जबकि उसने प्राथमिकी में उल्लेख किया है कि वह मेसर्स अयुर्हर्ब्स रेमेडीज इंडिया का मालिक है. एफआईआर से पता चलता है कि शिकायतकर्ता अधिवक्ता भी व्यवसाय चला रहे हैं.

यह भी पढ़ें: नियमितीकरण के लिए अदालत के चक्कर काट रहा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court Instructions) ने यूपी बार काउंसिल को वकालत के साथ अन्य व्यवसाय करने के मामले में एक अधिवक्ता के खिलाफ जांच का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने सहारनपुर के अनिल कुमार जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है.

कोर्ट ने यूपी बार काउंसिल को मामले की जांच करने और अधिवक्ता के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. अधिवक्ता ने एक प्राथमिकी में खुलासा किया कि वह मे सर्स अयुर्हर्ब्स रेमेडीज इंडिया का मालिक है. अपनी कंपनी के खाते से धन के नुकसान की एफआईआर करने पर अधिवक्ता को व्यवसाय चलाने वाला पाया गया. अधिवक्ता ने एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें कहा गया था कि किसी ने उसकी प्रोपराइटरशिप फर्म के चालू खाते से धोखाधड़ी से पांच सौ रुपये और 15 हजार रुपये निकाल लिए. उसके बाद पुलिस ने मामले के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें याची भी शामिल था.

कोर्ट ने याची की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए अपने आदेश में कहा कि मामले से अलग होने से पहले न्यायालय इस तथ्य पर ध्यान देने के लिए बाध्य है कि मुखबिर ने खुद को एक अधिवक्ता के रूप में वर्णित किया है. जबकि उसने प्राथमिकी में उल्लेख किया है कि वह मेसर्स अयुर्हर्ब्स रेमेडीज इंडिया का मालिक है. एफआईआर से पता चलता है कि शिकायतकर्ता अधिवक्ता भी व्यवसाय चला रहे हैं.

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