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अनचाहा गर्भ गिराने को लेकर दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने की सुनवाई, मेडिकल जांच बोर्ड गठित करने का आदेश

अनचाहे गर्भ को गिराने की अनुमति की मांग में दाखिल बलात्कार पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मेडिकल जांच बोर्ड गठित किया है. इस मामले में तीन सितंबर को अगली सुनवाई होगी.

अनचाहा गर्भ
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Published : Aug 28, 2021, 11:04 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार पीड़िता के 19 हफ्ते के अनचाहे गर्भ को गिराने की अनुमति की मांग में दाखिल पीड़िता की याचिका पर मेडिकल जांच बोर्ड गठित किया है.कोर्ट ने लाला लाजपत राय मेमोरियल अस्पताल मेरठ के प्राचार्य को चार विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम द्वारा अगस्त में ही नियत तिथि पर पीड़िता की मेडिकल जांच करने का आदेश दिया है. साथ ही प्रथम अपर जिला जज मेरठ को सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. वह जांच रिपोर्ट 2 सितंबर को हाईकोर्ट में पेश करेंगे. कोर्ट ने एसएसपी बुलंदशहर को मेडिकल कॉलेज आने-जाने के दौरान पीड़िता और उसके साथ के लोगों की पूरी सुरक्षा करने का निर्देश दिया है. इस याचिका की अगली सुनवाई 3 सितंबर को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने पीड़िता की याचिका पर दिया है.कोर्ट ने कहा है कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 24 हफ्ते के गर्भपात की अनुमति देता है. ऐसा पीड़िता के मानसिक स्वास्थ्य को होने वाले नुक़सान से बचाने के लिए किया गया है.

दरअसल, रेप पीड़िता ने सरकार से गर्भपात कराने की अनुमति मांगी थी, किन्तु जब उसकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो उसने हाईकोर्ट की शरण ली है. जुलाई 2021 में बुलंदशहर सरकारी अस्पताल में मेडिकल जांच की गई थी. जिसमें 14 हफ्ते कुल 19 हफ्ते का गर्भ पाया गया है. याची इस अनचाहे गर्भ को गिराना चाहती है, जिसको लेकर रेप पीड़िता ने याचिका दायर की है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार पीड़िता के 19 हफ्ते के अनचाहे गर्भ को गिराने की अनुमति की मांग में दाखिल पीड़िता की याचिका पर मेडिकल जांच बोर्ड गठित किया है.कोर्ट ने लाला लाजपत राय मेमोरियल अस्पताल मेरठ के प्राचार्य को चार विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम द्वारा अगस्त में ही नियत तिथि पर पीड़िता की मेडिकल जांच करने का आदेश दिया है. साथ ही प्रथम अपर जिला जज मेरठ को सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. वह जांच रिपोर्ट 2 सितंबर को हाईकोर्ट में पेश करेंगे. कोर्ट ने एसएसपी बुलंदशहर को मेडिकल कॉलेज आने-जाने के दौरान पीड़िता और उसके साथ के लोगों की पूरी सुरक्षा करने का निर्देश दिया है. इस याचिका की अगली सुनवाई 3 सितंबर को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने पीड़िता की याचिका पर दिया है.कोर्ट ने कहा है कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 24 हफ्ते के गर्भपात की अनुमति देता है. ऐसा पीड़िता के मानसिक स्वास्थ्य को होने वाले नुक़सान से बचाने के लिए किया गया है.

दरअसल, रेप पीड़िता ने सरकार से गर्भपात कराने की अनुमति मांगी थी, किन्तु जब उसकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो उसने हाईकोर्ट की शरण ली है. जुलाई 2021 में बुलंदशहर सरकारी अस्पताल में मेडिकल जांच की गई थी. जिसमें 14 हफ्ते कुल 19 हफ्ते का गर्भ पाया गया है. याची इस अनचाहे गर्भ को गिराना चाहती है, जिसको लेकर रेप पीड़िता ने याचिका दायर की है.

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