प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने ज्ञानवापी परिसर वाराणसी स्थित श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri in Varanasi) में नियमित पूजा के अधिकार को लेकर वाराणसी की जिला अदालत में लंबित दीवानी वाद की ग्राह्यता को लेकर दाखिल अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी (Anjuman Arrangements Masajid Committee) की निगरानी पर गुरुवार को सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया है.
न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की एकल पीठ के समक्ष निगरानीकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने अपनी बहस में कहा कि जिला अदालत ने कानूनी पहलू पर विचार किए बगैर आदेश दिया है. प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत सिविल वाद पोषणीय नहीं है. वाराणसी के जिला जज ने 12 सितंबर के आदेश से हिंदू पक्ष की महिलाओं द्वारा श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की मांग में दाखिल वाद के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज कर दी थी. आपत्ति खारिज कर मुकदमे की सुनवाई करने का आदेश दिया है. दिल्ली की राखी सिंह व अन्य महिलाओं ने जिला जज वाराणसी की कोर्ट में वाद दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर के बाहरी हिस्से में स्थित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना किए जाने की मांग की है.
मुस्लिम पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन ए इंतजामियां कमेटी ने हिंदू महिलाओं के वाद पर आपत्ति दर्ज की. कहा कि यह वाद सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के मुताबिक सुनवाई योग्य नहीं है इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए. जिला जज ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति की अर्जी खारिज खारिज कर दी थी. जिला जज के इस आदेश को निगरानी याचिका में चुनौती दी गई है.
यह भी पढ़ें- नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास, 50 हजार का जुर्माना