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बिजनौर गोशाला विवाद: आरोपी पत्रकारों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हाईकोर्ट ने बढ़ाया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिजनौर के थाना नगीना में दो पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को बढ़ा दिया गया है. इनके खिलाफ राम जन्म भूमि ट्रस्ट से जुड़े  चंपत राय के भाई की तरफ से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Aug 7, 2021, 11:02 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण व रजनीश कपूर की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ी दी है. दोनों पत्रकारों ने राम जन्म भूमि न्यास से जुड़े चंपत राय के भाई के खिलाफ बदनाम करने वाली झूठी फेसबुक पोस्ट हटा ली है. कोर्ट ने एस पी बिजनौर को अगली सुनवाई की तिथि 10 अगस्त को विवेचना की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. पत्रकारों के खिलाफ बिजनौर के थाना नगीना में सोशल मीडिया पर झूठी पोस्ट डाल कर बदनाम करने के आरोप में एफआईआर दर्ज है. पत्रकारों की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने की. वहीं, याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश उपाध्याय और शिवम् यादव ने बहस की.

दरअसल, शिकायतकर्ता के अधिवक्ता कृष्णा अग्रवाल ने कहा था कि यदि याची अपनी फेसबुक पोस्ट हटा लेते हैं तो उन्हें कोई शिकायत नहीं रहेगी. जिसपर कोर्ट ने पूछा क्या याचीगण फेसबुक पोस्ट हटाना चाहते हैं. इसपर याची अधिवक्ता ने जानकारी लेने के लिए समय मांगा और 10 मिनट बाद कोर्ट को बताया कि पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा दिया गया है और याचीगण भविष्य में ऐसी पोस्ट डालने में सावधानी बरतेंगे.

इसी मामले में एस पी बिजनौर धर्मवीर सिंह द्वारा लापरवाही से आधा-अधूरा नोटरी हलफनामा दाखिल करने पर कोर्ट ने फटकार लगाई थी और सही हलफनामा दाखिल करने को कहा था. एसपी ने कहा कि फोन पर धमकाने के अलावा अन्य कोई आरोप नहीं रह गया है विवेचना जारी है और शीघ्र पूरी होगी. कोर्ट ने एसपी को अगली तिथि 10 अगस्त को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर विवेचना प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

पत्रकारों पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ट्विटर व फेसबुक पर देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश व मोहन भागवत का ध्यान आकर्षित कर एक पोस्ट डाली और उसमें एनआरआई महिला अल्का लाहोटी की गौशाला की जमीन कब्जा करने का चंपत राय के भाई पर गलत आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल की है. यह पोस्ट 17 जून को डाली गई और उसके तत्काल बाद चंपत राय के भाई संजय बंसल ने 19 जून 2021 को प्राथमिकी दर्ज कराई. कहा गया है कि इस पोस्ट को डालकर धार्मिक उन्माद फैलाया गया व मानहानि की गई.

इसे भी पढ़ें- चंपत राय के खिलाफ अपमानजनक चीजें पोस्ट करने के आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण व रजनीश कपूर की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ी दी है. दोनों पत्रकारों ने राम जन्म भूमि न्यास से जुड़े चंपत राय के भाई के खिलाफ बदनाम करने वाली झूठी फेसबुक पोस्ट हटा ली है. कोर्ट ने एस पी बिजनौर को अगली सुनवाई की तिथि 10 अगस्त को विवेचना की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. पत्रकारों के खिलाफ बिजनौर के थाना नगीना में सोशल मीडिया पर झूठी पोस्ट डाल कर बदनाम करने के आरोप में एफआईआर दर्ज है. पत्रकारों की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने की. वहीं, याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश उपाध्याय और शिवम् यादव ने बहस की.

दरअसल, शिकायतकर्ता के अधिवक्ता कृष्णा अग्रवाल ने कहा था कि यदि याची अपनी फेसबुक पोस्ट हटा लेते हैं तो उन्हें कोई शिकायत नहीं रहेगी. जिसपर कोर्ट ने पूछा क्या याचीगण फेसबुक पोस्ट हटाना चाहते हैं. इसपर याची अधिवक्ता ने जानकारी लेने के लिए समय मांगा और 10 मिनट बाद कोर्ट को बताया कि पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा दिया गया है और याचीगण भविष्य में ऐसी पोस्ट डालने में सावधानी बरतेंगे.

इसी मामले में एस पी बिजनौर धर्मवीर सिंह द्वारा लापरवाही से आधा-अधूरा नोटरी हलफनामा दाखिल करने पर कोर्ट ने फटकार लगाई थी और सही हलफनामा दाखिल करने को कहा था. एसपी ने कहा कि फोन पर धमकाने के अलावा अन्य कोई आरोप नहीं रह गया है विवेचना जारी है और शीघ्र पूरी होगी. कोर्ट ने एसपी को अगली तिथि 10 अगस्त को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर विवेचना प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

पत्रकारों पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ट्विटर व फेसबुक पर देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश व मोहन भागवत का ध्यान आकर्षित कर एक पोस्ट डाली और उसमें एनआरआई महिला अल्का लाहोटी की गौशाला की जमीन कब्जा करने का चंपत राय के भाई पर गलत आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल की है. यह पोस्ट 17 जून को डाली गई और उसके तत्काल बाद चंपत राय के भाई संजय बंसल ने 19 जून 2021 को प्राथमिकी दर्ज कराई. कहा गया है कि इस पोस्ट को डालकर धार्मिक उन्माद फैलाया गया व मानहानि की गई.

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