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शराब की ऑनलाइन विक्री की याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने दी यह वजह

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Published : Aug 11, 2021, 6:20 PM IST

यूपी के प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने शराब की ऑनलाइन विक्री की याचिका पर फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने शराब की होम डिलीवरी की अनुमति की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने शराब की ऑनलाइन विक्री से होम डिलीवरी की अनुमति की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि यह राज्य सरकार (State government) का नीतिगत मसला है. फिलहाल शराब की ऑनलाइन विक्री (online sale of liquor) की अनुमति नहीं दी जा सकती.

पेशे से अधिवक्ता याची का कहना था कि ऐसा करने से राजस्व में बढ़ोतरी होगी और सीनियर सिटिजन व ऐसे लोगों को सुविधा होगी जो दूकान पर जाकर शराब खरीदने में झिझकते हैं. कोर्ट ने कहा कि याची ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले से इतर कारणों से ऑनलाइन विक्री की मांग की है.

यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन. भंडारी तथा न्यायमूर्ति एससी शर्मा की खंडपीठ ने अधिवक्ता गोपाल कृष्ण पांडेय की याचिका पर दिया है. याची का यह भी कहना था कि कम खर्च में दुकान चलाई जा सकेगी. दुकान पर अनावश्यक भीड़ न होने से कानून व्यवस्था में भी सुधार होगा.

राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता का कहना था कि सरकार शराब की ऑनलाइन विक्री (online sale of liquor) नहीं चाहती. यह सरकार का नीतिगत निर्णय है. कुछ राज्यों में कोरोना पीक पर था, तो ऑनलाइन शराब बेचने की अनुमति दी गई. राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोविड की दूसरी लहर भी जा चुकी है. याचिका खारिज की जाय.
इसे भी पढ़ें- 11 सितंबर को हाईकोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का होगा आयोजन

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने शराब की ऑनलाइन विक्री से होम डिलीवरी की अनुमति की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि यह राज्य सरकार (State government) का नीतिगत मसला है. फिलहाल शराब की ऑनलाइन विक्री (online sale of liquor) की अनुमति नहीं दी जा सकती.

पेशे से अधिवक्ता याची का कहना था कि ऐसा करने से राजस्व में बढ़ोतरी होगी और सीनियर सिटिजन व ऐसे लोगों को सुविधा होगी जो दूकान पर जाकर शराब खरीदने में झिझकते हैं. कोर्ट ने कहा कि याची ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले से इतर कारणों से ऑनलाइन विक्री की मांग की है.

यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन. भंडारी तथा न्यायमूर्ति एससी शर्मा की खंडपीठ ने अधिवक्ता गोपाल कृष्ण पांडेय की याचिका पर दिया है. याची का यह भी कहना था कि कम खर्च में दुकान चलाई जा सकेगी. दुकान पर अनावश्यक भीड़ न होने से कानून व्यवस्था में भी सुधार होगा.

राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता का कहना था कि सरकार शराब की ऑनलाइन विक्री (online sale of liquor) नहीं चाहती. यह सरकार का नीतिगत निर्णय है. कुछ राज्यों में कोरोना पीक पर था, तो ऑनलाइन शराब बेचने की अनुमति दी गई. राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोविड की दूसरी लहर भी जा चुकी है. याचिका खारिज की जाय.
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