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आदेश का पालन करें या कोर्ट में हाजिर हों मुख्य सचिव, जानें हाईकोर्ट ने ऐसा क्यों कहा - उत्तर प्रदेश में अनुदेशकों का मानदेय

अनुदेशकों को कम मानदेय भुगतान मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद तिवारी को कोर्ट आदेश का पालन करने अन्यथा कोर्ट में अगली सुनवाई के दिन हाजिर होने का आदेश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Nov 26, 2020, 10:36 PM IST

प्रयागराज: अनुदेशकों को कम मानदेय भुगतान के मामला में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद तिवारी को कोर्ट आदेश का पालन करने अन्यथा कोर्ट में अगली सुनवाई के दिन हाजिर होने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने भदोही के अनुदेशक आशुतोष शुक्ल की अवमानना याचिका पर दिया है.

ये है मामला
कोर्ट ने केन्द्र सरकार द्वारा घोषित मानदेय का भुगतान करने का निर्देश दिया था, जबकि अनुदेशकों को आधे से भी कम मानदेय दिया जा रहा है. इसका पालन न करने पर ही यह याचिका दायर की गई है.

ये कहना है सरकारी अधिवक्ता का

सरकारी अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने विशेष अपील दाखिल की है. इसलिए सुनवाई अपील तय होने तक टाली जाय. याची अधिवक्ता ने आपत्ति की कि मात्र अपील दाखिल करने से कोर्ट के आदेश का पालन करने से बचा नहीं जा सकता, क्योंकि आदेश पर रोक नहीं है, ऐसे में अवहेलना करना कोर्ट की अवमानना करना है.

ये कहा कोर्ट ने

कोर्ट ने कहा कि निर्विवाद रूप से कोर्ट का आदेश जारी हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है और आदेश का पालन नहीं किया गया है. कोर्ट ने कहा कि 8 दिसम्बर तक आदेश का पालन कर मुख्य सचिव हलफनामा दाखिल करें या कोर्ट में हाजिर हो. सुनवाई 8 दिसम्बर को होगी.

प्रयागराज: अनुदेशकों को कम मानदेय भुगतान के मामला में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद तिवारी को कोर्ट आदेश का पालन करने अन्यथा कोर्ट में अगली सुनवाई के दिन हाजिर होने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने भदोही के अनुदेशक आशुतोष शुक्ल की अवमानना याचिका पर दिया है.

ये है मामला
कोर्ट ने केन्द्र सरकार द्वारा घोषित मानदेय का भुगतान करने का निर्देश दिया था, जबकि अनुदेशकों को आधे से भी कम मानदेय दिया जा रहा है. इसका पालन न करने पर ही यह याचिका दायर की गई है.

ये कहना है सरकारी अधिवक्ता का

सरकारी अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने विशेष अपील दाखिल की है. इसलिए सुनवाई अपील तय होने तक टाली जाय. याची अधिवक्ता ने आपत्ति की कि मात्र अपील दाखिल करने से कोर्ट के आदेश का पालन करने से बचा नहीं जा सकता, क्योंकि आदेश पर रोक नहीं है, ऐसे में अवहेलना करना कोर्ट की अवमानना करना है.

ये कहा कोर्ट ने

कोर्ट ने कहा कि निर्विवाद रूप से कोर्ट का आदेश जारी हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है और आदेश का पालन नहीं किया गया है. कोर्ट ने कहा कि 8 दिसम्बर तक आदेश का पालन कर मुख्य सचिव हलफनामा दाखिल करें या कोर्ट में हाजिर हो. सुनवाई 8 दिसम्बर को होगी.

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