प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहे मुकदमे में दाखिल चार्जशीट और अन्य दस्तावेजों की पठनीय प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि सुरजेवाला अदालत के समक्ष 8 दिनों के भीतर आवेदन करते हैं तो उन्हें दस्तावेजों की तार्किक रूप से पठनीय प्रति उपलब्ध कराई जाए.
सुरजेवाला को इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई गई थी. लेकिन उनके अधिवक्ताओं का कहना था कि जो प्रति उपलब्ध कराई गई है, वह पठनीय नहीं है. इसे लेकर पुनः हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई. याचिका में यह भी मांग की गई थी कि सुरजेवाला के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहे मुकदमे की कार्रवाई को समाप्त किया जाए. याचिका पर न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने सुनवाई की.
प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव और अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याची को दस्तावेजों की प्रतियां पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है. यह याचिका सिर्फ मुकदमे की कार्रवाई को विलंबित करने की नियत से दाखिल की गई है. वहीं, सुरजेवाला के अधिवक्ता का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देश पर जो प्रति उपलब्ध कराई गई है, वह पठनीय नहीं है. अदालत के समक्ष वह प्रतियां प्रस्तुत भी की गई. इससे पूर्व सुरजेवाला की ओर से एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही कार्रवाई को रद्द करने की मांग में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर की गई थी.
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कोर्ट में याचिका खारिज करते हुए याची को ट्रायल कोर्ट के समक्ष उन्मोचन अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया था. साथ ही कहा था कि याची को चार्जशीट और अन्य दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए. इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी मुकदमे की कार्यवाही रद्द करने का आदेश देने से इनकार करते हुए सुरजेवाला को दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मुकदमे की कार्रवाई रद्द करने की मांग पहले ही खारिज हो चुकी है. दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए 8 दिन के भीतर ट्रायल कोर्ट में आवेदन दें और ट्रायल कोर्ट उनको दस्तावेज उपलब्ध कराएं. कोर्ट ने कहा कि इस दौरान सुरजेवाला के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.