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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद के परिणाम संशोधित करने का दिया आदेश

उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (Higher Education Service Commission) ने माना है कि ओएमआर शीट जांचने में हुई गलती है, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court0 ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद का परिणाम (Assistant Professor Post Result) संशोधित करने का निर्देश दिया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Sep 16, 2022, 10:33 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (Higher Education Service Commission) को निर्देश दिया है कि वह असिस्टेंट प्रोफेसर अर्थशास्त्र परीक्षा में ओएमआर शीट जांचने में हुई गलतियों को सुधारते हुए संशोधित परिणाम शीघ्र जारी करे. आयोग द्वारा जारी परिणाम को हाईकोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि आयोग ने ओएमआर शीट जांचने में गलती की है, जिससे कि अभ्यर्थी को कम अंक मिले हैं और वह चयन प्रक्रिया से बाहर हो गया.

महेंद्र कुमार वर्मा द्वारा दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने सुनवाई की. याची का कहना था कि असिस्टेंट प्रोफेसर अर्थशास्त्र पद के लिए जारी विज्ञापन संख्या 50 के तहत उसने आवेदन किया था. लिखित परीक्षा में उसने कुल 74 प्रश्नों के सही जवाब दिए थे, जिसके लिए उसे 155.79 अंक मिलने चाहिए थे मगर उसे सिर्फ 153.68 अंक दिए गए. इसकी वजह से वह चयन सूची से बाहर हो गया. इस मामले में कोर्ट ने आयोग से मूल ओएमआर शीट तलब की थी.

आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची द्वारा की गई आपत्ति सही पाई गई है और अन्य अभ्यर्थियों की भी ओएमआर शीट जांचने में इसी प्रकार की त्रुटि हुई है. आयोग ने यह भी बताया कि अन्य विषयों की कॉपियों में भी इसी प्रकार की त्रुटि हुई है. जिसे संशोधित करते हुए रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया जाएगा.

इस पर कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि वह जो याची द्वारा उठाई गई आपत्तियों को सही करते हुए संशोधित परिणाम जारी करे. कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस दौरान यदि किसी की नियुक्ति होती है तो वह आयोग द्वारा जारी संशोधित परिणाम पर निर्भर करेगी.

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को इलाहाबाद में जज बनाने की संस्तुति से नाराजगी, न्यायिक कार्य से रहेंगे विरत

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (Higher Education Service Commission) को निर्देश दिया है कि वह असिस्टेंट प्रोफेसर अर्थशास्त्र परीक्षा में ओएमआर शीट जांचने में हुई गलतियों को सुधारते हुए संशोधित परिणाम शीघ्र जारी करे. आयोग द्वारा जारी परिणाम को हाईकोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि आयोग ने ओएमआर शीट जांचने में गलती की है, जिससे कि अभ्यर्थी को कम अंक मिले हैं और वह चयन प्रक्रिया से बाहर हो गया.

महेंद्र कुमार वर्मा द्वारा दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने सुनवाई की. याची का कहना था कि असिस्टेंट प्रोफेसर अर्थशास्त्र पद के लिए जारी विज्ञापन संख्या 50 के तहत उसने आवेदन किया था. लिखित परीक्षा में उसने कुल 74 प्रश्नों के सही जवाब दिए थे, जिसके लिए उसे 155.79 अंक मिलने चाहिए थे मगर उसे सिर्फ 153.68 अंक दिए गए. इसकी वजह से वह चयन सूची से बाहर हो गया. इस मामले में कोर्ट ने आयोग से मूल ओएमआर शीट तलब की थी.

आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची द्वारा की गई आपत्ति सही पाई गई है और अन्य अभ्यर्थियों की भी ओएमआर शीट जांचने में इसी प्रकार की त्रुटि हुई है. आयोग ने यह भी बताया कि अन्य विषयों की कॉपियों में भी इसी प्रकार की त्रुटि हुई है. जिसे संशोधित करते हुए रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया जाएगा.

इस पर कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि वह जो याची द्वारा उठाई गई आपत्तियों को सही करते हुए संशोधित परिणाम जारी करे. कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस दौरान यदि किसी की नियुक्ति होती है तो वह आयोग द्वारा जारी संशोधित परिणाम पर निर्भर करेगी.

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