ETV Bharat / state

प्रधानमंत्री, गृहमंत्री पर अभद्र टिप्पणी के आरोप में दर्ज प्राथमिकी पर हाईकोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अन्य मंत्रियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी आरोप में दर्ज एफआईआर में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jul 17, 2022, 9:34 AM IST

Updated : Jul 17, 2022, 2:17 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है, किंतु इस अधिकार का प्रयोग गाली देने या किसी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए नहीं किया जा सकता. हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और अन्य मंत्रियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में दर्ज एफआईआर में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

हाईकोर्ट ने कहा कि एफआईआर देखने से संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है. हाईकोर्ट ने धारा 504 में दर्ज प्राथमिकी को रद्द किए जाने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति राजेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने मुमताज मंसूरी की याचिका पर दिया.

यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने स्वीकार की पूर्व राज्य मंत्री के खिलाफ मुकदमा वापस लेने की याचिका

हाईकोर्ट ने पुलिस को नियमानुसार अपराध की विवेचना पूरी करने की छूट दी है. प्राथमिकी जौनपुर जिले के मीरगंज थाने में दर्ज कराई गई है. इसमें याची पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व अन्य मंत्रियों के खिलाफ फेसबुक पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है, किंतु इस अधिकार का प्रयोग गाली देने या किसी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए नहीं किया जा सकता. हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और अन्य मंत्रियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में दर्ज एफआईआर में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

हाईकोर्ट ने कहा कि एफआईआर देखने से संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है. हाईकोर्ट ने धारा 504 में दर्ज प्राथमिकी को रद्द किए जाने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति राजेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने मुमताज मंसूरी की याचिका पर दिया.

यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने स्वीकार की पूर्व राज्य मंत्री के खिलाफ मुकदमा वापस लेने की याचिका

हाईकोर्ट ने पुलिस को नियमानुसार अपराध की विवेचना पूरी करने की छूट दी है. प्राथमिकी जौनपुर जिले के मीरगंज थाने में दर्ज कराई गई है. इसमें याची पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व अन्य मंत्रियों के खिलाफ फेसबुक पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jul 17, 2022, 2:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.