प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक व निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 की वैधता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से 25 मार्च तक जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई 27 मार्च को होगी. कोर्ट ने फिलहाल अन्तरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है.
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर व न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने शशांक श्री त्रिपाठी की जनहित याचिका पर दिया है. याचिका में अध्यादेश को निजता के अधिकार के विपरीत होने के आधार पर असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है. अध्यादेश में विरोध-प्रदर्शन के दौरान लोक व निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई करने के लिए अर्द्ध न्यायिक संस्था के गठन की व्यवस्था की गई है. सीएए के विरोध-प्रदर्शन में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के फोटो सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित करने को अवैध करार देने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 15 मार्च को यह अध्यादेश जारी किया है.
गौरतलब है कि गठित अधिकरण नुकसान का जायजा लेकर जवाबदेही तय करने के बाद दोषियों से वसूली करेगा. इसके लिए जिला दावा आयुक्त नुकसान का आकलन करके रिपोर्ट देंगे. इसके बाद अधिकरण वसूली कार्यवाही शुरू करेगा.