प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के हेड जेल वार्डरों के गलत वेतन निर्धारित होने के कारण अधिक भुगतान की वसूली आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि वसूली आदेश जारी करने से पूर्व याचियों को सुनवाई का अवसर न देकर नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन किया गया है. कोर्ट ने वसूली आदेश को रद्द करते हुए नियमानुसार नए सिरे से कार्यवाही की छूट दी है.
यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने उमेद सिंह, सुरेश चंद, विजय प्रकाश और भोलानाथ भारती की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता धनंजय कुमार मिश्र ने बहस की. इनका कहना था कि विभाग की एसीपी निर्धारण की गलती का याचियों को दंड नहीं दिया जा सकता. वसूली आदेश जारी करने से पूर्व याचियों को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया.