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प्रयागराज: अदालतों की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट सख्त, विशेष सुरक्षा बलों के गठन का दिया आदेश - allahabad high court news

इलाहाबाद हाईकोर्ट बिजनौर जिला अदालत में पेशी पर आए बंदियों की गोली मारकर हत्या के बाद सख्त हो गया है. हाईकोर्ट ने अदालतों की सुरक्षा के लिए विशेष बल के गठन करने का आदेश दिया है.

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अदालतों की सुरक्षा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट हुआ सख्त.
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Published : Dec 21, 2019, 7:12 AM IST

प्रयागराज: बिजनौर जिला अदालत की सीजेएम कोर्ट में पेशी पर आए बंदियों पर फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी. मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 जनवरी 2020 तक अदालतों की सुरक्षा के लिए विशेष बल के गठन का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अगले 3 माह में सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित कर तैनात किया जाए.

कोर्ट ने कहा है कि अदालतों की बाउंड्री बनाने और सीसीटीवी कैमरों को क्रियाशील रखा जाए. हाईकोर्ट में 31 जनवरी 2020 तक बायोमेट्रिक कार्ड की रुपरेखा पेश की जाए. महानिबंधक सभी जिला अदालतों में एडवोकेट रोल तैयार कराएं. सुरक्षा जांच में सभी वकील सहयोग करें.

कोर्ट ने मांगा हलफनामा
कोर्ट ने मुख्य सचिव से उठाये गये कदमों की जानकारी के साथ हलफनामा मांगा है. मामले की सुनवाई 2 जनवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट में हाजिर गृह सचिव और एडीजी सुरक्षा को अगली तिथि को भी मौजूद रहने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अदालतों और जजों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ की तर्ज पर प्रशिक्षित पुलिस बल की तैनाती का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि कैमरों की निगरानी तकनीकी पुलिस को दी जाए.

अपर महाधिवक्ता ने दी जानकारी
राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि बिजनौर के वकील सहयोग नहीं कर रहे हैं. गेट संख्या-3 वकीलों के प्रवेश के लिए नहीं है. जब वकीलों को रोका गया तो उन्होंने विरोध करते हुए बाउंड्रीवाल तोड़ डाली. मनीष गोयल ने बताया कि लापरवाह पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है और विशेष बल गठित कर अदालतों में तैनात किया जायेगा.

इसे भी पढ़ें- सीएए विरोध: कानपुर में नियंत्रण में हालात, गिरफ्तारी की कार्रवाई जारी- एडीजी

कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि एसपी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी? सुरक्षा बैठक के बाद अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. जिला बने 20 साल बीत चुके हैं, लेकिन सरकार अदालत के लिए जमीन नहीं दे सकी है. मेले के लिए करोड़ों बजट मिल जाता है, लेकिन कोर्ट के लिए धन नहीं मिलता. ऑनलाइन बायोमेट्रिक कार्ड 80 रुपये में मिल रहा है और सरकार 6 सौ रुपये का प्रस्ताव दे रही है.

प्रयागराज: बिजनौर जिला अदालत की सीजेएम कोर्ट में पेशी पर आए बंदियों पर फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी. मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 जनवरी 2020 तक अदालतों की सुरक्षा के लिए विशेष बल के गठन का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अगले 3 माह में सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित कर तैनात किया जाए.

कोर्ट ने कहा है कि अदालतों की बाउंड्री बनाने और सीसीटीवी कैमरों को क्रियाशील रखा जाए. हाईकोर्ट में 31 जनवरी 2020 तक बायोमेट्रिक कार्ड की रुपरेखा पेश की जाए. महानिबंधक सभी जिला अदालतों में एडवोकेट रोल तैयार कराएं. सुरक्षा जांच में सभी वकील सहयोग करें.

कोर्ट ने मांगा हलफनामा
कोर्ट ने मुख्य सचिव से उठाये गये कदमों की जानकारी के साथ हलफनामा मांगा है. मामले की सुनवाई 2 जनवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट में हाजिर गृह सचिव और एडीजी सुरक्षा को अगली तिथि को भी मौजूद रहने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अदालतों और जजों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ की तर्ज पर प्रशिक्षित पुलिस बल की तैनाती का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि कैमरों की निगरानी तकनीकी पुलिस को दी जाए.

अपर महाधिवक्ता ने दी जानकारी
राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि बिजनौर के वकील सहयोग नहीं कर रहे हैं. गेट संख्या-3 वकीलों के प्रवेश के लिए नहीं है. जब वकीलों को रोका गया तो उन्होंने विरोध करते हुए बाउंड्रीवाल तोड़ डाली. मनीष गोयल ने बताया कि लापरवाह पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है और विशेष बल गठित कर अदालतों में तैनात किया जायेगा.

इसे भी पढ़ें- सीएए विरोध: कानपुर में नियंत्रण में हालात, गिरफ्तारी की कार्रवाई जारी- एडीजी

कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि एसपी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी? सुरक्षा बैठक के बाद अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. जिला बने 20 साल बीत चुके हैं, लेकिन सरकार अदालत के लिए जमीन नहीं दे सकी है. मेले के लिए करोड़ों बजट मिल जाता है, लेकिन कोर्ट के लिए धन नहीं मिलता. ऑनलाइन बायोमेट्रिक कार्ड 80 रुपये में मिल रहा है और सरकार 6 सौ रुपये का प्रस्ताव दे रही है.

[20/12, 19:23] कृष्ण जी शुक्ल: अदालतों की सुरक्षा का मामला

सभी जिला अदालतों में बने अधिवक्ता रोल

15 जनवरी तक अदालतों की सुरक्षा को विशेष पुलिस बल पर निर्णय लेकर अगले तीन माह में प्रशिक्षण दे करे तैनाती

वकीलों के लिए बने बायोमेट्रिक कार्ड

गृह सचिव व् ए डी जी सुरक्षा अगली तिथि पर भी तलब

मुख्य सचिव से उठाये गये कदमो का हलफनामा मांगा



प्रयागराज 20 दिसम्बर
बिजनौर जिला अदालत की सी जे एम् कोर्ट में पेशी पर आये वन्दियो फायरिंग कर हत्या मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने15 जनवरी 20 तक अदालतों की सुरक्षा के विशेष बल के गठन का आदेश दिया है और कहा है कि अगले 3 माह में प्रशिक्षित कर तैनाती की जाय।
अदालतों की बाउंड्री बनाने एवं सी सी कैमरों को क्रियाशील रखा जाय।हाई कोर्ट में 31 जनवरी 20 तक बायोमेट्रिक कार्ड की रुपरेखा पेश की जाय।
महानिबंधक सभी जिला अदालतों में एडवोकेट रोल तैयार कराये।सुरक्षा जांच में सभी वकील सहयोग करे।
कोर्ट ने 2 जनवरी को मुख्य सचिव से उठाये गये कदमो की जानकारी के साथ हलफनामा मांगा है।सुनवाई 2 जनवरी को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने दिया है।कोर्ट में हाजिर गृह सचिव व् ए डी जी सुरक्षा को अगली तिथि को भी मौजूद रहने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने अदालतों व् जजो की सुरक्षा के लिए सी आई एस ऍफ़ की तर्ज पर प्रशिक्षित पुलिस बल की तैनाती का आदेश दिया है और कहा है कि कैमरों की निगरानी तकनीकी पुलिस को दी जाय।
राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि बिजनौर के वकील सहयोग नही कर रहे।गेट संख्या 3 वकीलों के प्रवेश के लिए नही है।रोकने पर विरोध किया।बाउंड्रीवाल तोड़ डाली।
उन्होंने बताया कि लापरवाह पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है।
और विशेष बल गठित कर अदालतों में तैनात किया जायेगा।
कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की कि एस पी पर कार्यवाही क्यों नही की गयी।
सुरक्षा बैठक के बाद  अधिकारी कोई कार्यवाही नही करते।जिला बने 20 साल बीते ,सरकार अदालत के लिए जमीन नही दे सकी ।मेले के लिए करोड़ो बजट मिल जाता है।किंतु कोर्ट के लिये धन नही मिलता।
ऑनलाइन बायो मेट्रिक कार्ड 80 रूपये में मिल रहा है।सरकार 6 सौ रूपये का प्रस्ताव दे रही ।सरकार का दूसरा विभाग धन नही होने का बहाना ले योजना फेल करने में लगे है।बिना कमीशन कोई काम नही होता।कोर्ट की सुरक्षा में  हीलाहवाली हो रही है।
 कोर्ट ने उठाये गये कदमो के ब्यौरे के साथ मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा है।सुनवाई 2 जनवरी को होगी।
[20/12, 19:23] कृष्ण जी शुक्ल: सोसायटी  नवीनीकरण के खिलाफ अपील हो सकती है या नही

,मुद्दे पर जवाब तलब

उ प्र वालीवाल संघ के खिलाफ आयुक्त के आदेश पर रोक
 
प्रयागराज 20 दिसंबर इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश वालीवाल एसोसिएशन कानपुर नगर की प्रबंध समिति के नवीनीकरण के खिलाफ अपील मंजूर करने के मंडलायुक्त कानपुर के आदेश पर रोक लगा दी है ।और राज्य सरकार सहित विपक्षियों  से याचिका पर तीन सप्ताह में  जवाब मांगा है। 
 यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने दिया है । याचिका  पर अधिवक्ता प्रभाकर अवस्थी श्रवण कुमार पांडे व विपक्षी की तरफ से एचपी दूबे ने बहस की। मालूम हो कि याची एसोसिएशन का नवीनीकरण कर दिया गया। उपनिबंधक सोसायटी रजिस्ट्रेशन कानपुर के इस आदेश के खिलाफ आयुक्त के समक्ष दाखिल अपील मंजूर कर ली गई। जिसे यह कहते हुए याचिका में चुनौती दी गई कि सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत जारी नवीनीकरण प्रमाण पत्र के खिलाफ धारा 12 डी के तहत अपील दाखिल नहीं की जा सकती ।अपील केवल धोखे या गलत तथ्यों के आधार पर लिए गए पंजीकरण या नवीनीकरण के खिलाफ दाखिल हो सकती है। इसलिए अपील पोषणीय नहीं है ।जबकि विपक्षी का कहना था की अपील पोषणीय है या नहीं ,इस मुद्दे पर आयुक्त को ही विचार करने का अधिकार है । कोर्ट ने कानूनी विवाद को विचारणीय माना और राज्य सरकार व विपक्षियों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है ।याचिका की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।
[20/12, 19:23] कृष्ण जी शुक्ल: अधिगृहित भूमि के करोड़ो के मुआवजे के घोटाले की सुनवाई 3 जनवरी को

प्रयागराज 20 जनवरी 
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने  बुलन्दशहर खुर्जा के पांच गांवो की अधिगृहित भूमि का दुबारा करोड़ो का मुआवजा घोटाला करने पर सख्त रुख अपनाया है।दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि वे अतिक्रमणकारी नही है।शुरू से ही जमीन पर वे कब्जे में है।अर्जेंसी क्लॉज में अधिगृहित भूमि पर दो साल तक मुआवजा तय न करने के कारण अधिग्रहण स्वतः समाप्त हो गया ।किसानों के पक्ष में स्थगनादेश है।
कोर्ट ने यू पी एस आई डी सी की खिंचाई की ।कहा कि जब मुआवजा किसानों को दे दिया गया था ,तो उसी जमीन का दुबारा मुआवजा देने का प्रस्ताव क्यों किया ।एक करोड़ की जमीन का दुबारा 4 करोड़ मुआवजा क्यों दिया गया।याचिका की सुनवाई 3 जनवरी को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने किसान कमल सिंह व् अन्य की याचिका पर दिया है।
यू पी एस आई डी सी ने मूल पत्रावली पेश की।और कहा किसानों व् अधिकारियो की बैठक में मुआवजे पर बनी सहमति के आधार पर मुआवजे का प्रस्ताव किया गया।निगम की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एच एन सिंह ,प्रभाकर अवस्थी व् किसानों की तरफ वरिष्ठ अधिवक्ता शशिनन्दन व् प्रेम कुमार चौरसिया ने पक्ष रखा।इनका कहना है कि किसान अतिक्रमणकारी नही है।
मालूम हो कि दशहरा खेरली,दशहरी,रुकनपुर,ऊंचागांव व् जहानपुर पांच गांवो की 1250 एकड़ भूमि अधिगृहित की गयी।1991 में अर्जेंसी क्लॉज में अधिगृहित भूमि का मुआवजा 1995 में तय किया गया।भूमि पर भौतिक कब्जा नही लिया गया।किसान खेती कर रहे है।
राज्य औद्योगिक विकास निगम को जमीन 1993 में दी गयी।और निगम ने वही जमीन  टेहरी हाइड्रो पावर  कम्पनी को दे दिया।कम्पनी से अवैध रूप से भारी मुआवजा दिलाया गया।और ऐसा करने वाले अधिकारियो पर कार्यवाही नही की गयी।
[20/12, 19:23] कृष्ण जी शुक्ल: हाई कोर्ट में इंटरनेट ठप होने पर जनहित याचिका कायम 

मांगा जवाब
 
सुनवाई 3 जनवरी को

प्रयागराज 20 जनवरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने  प्रदेश में बवाल की आशंका पर हाई कोर्ट की इंटरनेट सेवा ठप करने पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है ।और जनहित याचिका कायम कर जवाब मांगा है।।याचिका की सुनवाई 3 जनवरी को होगी।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने कुछ वकीलों द्वारा कोर्ट प्रशासन में आ रही दिक्कतों की ओर ध्यान आकृष्ट करने पर दिया है।
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