प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाहजहांपुर में एलएलएम छात्रा से रेप के आरोप में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी मंजूर कर ली. लेकिन उन्होंने जमानत के साथ कुछ शर्तें लगाई हैं. उनका पालन नहीं करने पर स्वामी चिन्मयानंद को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
कोर्ट ने जमानत देने के साथ कहा है कि वे अधीनस्थ अदालत में इस बात की अंडर टेकिंग देंगे कि गवाही की तारीख में गवाह आने के बाद स्थगन की अर्जी नहीं देंगे. उन्होंने इन शर्तेां का उल्लंघन किया तो ट्रायल कोर्ट को नियमानुसार कार्रवाई की छूट होगी.
कोर्ट ने यह शर्त भी रखी है कि मुकदमों के ट्रायल की प्रत्येक तिथि पर वह स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित रहेंगे. पर्याप्त कारण के बगैर अनुपस्थित रहने पर ट्रायल कोर्ट चिन्मयानंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 229ए के तहत कार्रवाई कर सकेगी. कोर्ट ने शर्त में स्पष्ट किया है कि स्वामी चिन्मयानंद जमानत का दुरुपयोग नहीं करेंगे. तय तिथि पर उपस्थित न होने पर ट्रायल कोर्ट सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कुर्की की उद्घोषणा और तय तिथि पर हाजिर न होने पर आईपीसी की धारा 174ए के तहत कार्यवाही करेगी.
ये हैं शर्तें..
- चिन्मयानंद अधीनस्थ अदालत में इस बात की अंडरटेकिंग देंगे कि गवाही की तारीख में गवाह आने के बाद स्थगन की अर्जी नहीं देंगे.
- शर्तों का उल्लंघन करने पर ट्रायल कोर्ट को नियमानुसार कार्रवाई की छूट होगी.
- मुकदमों के ट्रायल की प्रत्येक तिथि पर चिन्मयानंद स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित रहेंगे.
- स्वामी चिन्मयानंद जमानत का दुरुपयोग नहीं करेंगे.
- मुकदमे की ओपनिंग, चार्ज फ्रेम और सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान की तारीख पर स्वामी चिन्मयानंद स्वयं उपस्थित रहेंगे.
- ट्रायल कोर्ट एक साल के भीतर मुकदमे का निस्तारण करने का प्रयास करेगी.
- शर्तों के उल्लंघन पर ट्रायल कोर्ट को सकारण जमानत निरस्त करने की छूट होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने दिया है. कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद 19 नवंबर आदेश सुरक्षित कर लिया था. स्वामी चिन्मयानंद पर एलएलएम छात्रा से रेप के साथ शाहजहांपुर के दोनों मुकदमों का ट्रायल लखनऊ में होगा. हाईकोर्ट ने लखनऊ स्थित अधीनस्थ अदालत को मुकदमों का ट्रायल प्राथमिकता पर यथासंभव दिन-प्रतिदिन के आधार पर निस्तारित करने का निर्देश दिया है.
पीड़िता और उसके परिवार सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश
कोर्ट ने मुकदमों के ट्रायल के दौरान पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश भी दिया है. कोर्ट ने सुरक्षा के लिए एसएसपी लखनऊ को पीड़िता और उसके परिजनों के साथ एसएसआई रैंक के एक अधिकारी और एक सशस्त्र कांस्टेबल की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है.