प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विशेष सचिव गृह से जवाब तलब किया है. इन पर कोर्ट आदेश की अवहेलना कर विपरीत आदेश पारित करने का आरोप है. कोर्ट ने कहा है कि किन परिस्थितियों में उन्होंने अदालत के निर्णय के विपरीत जाकर के आदेश पारित किया है और क्यों न उनके विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाए.
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने 2015 की पुलिस भर्ती के अभ्यर्थी धर्मपाल सिंह की याचिका पर दिया है. याची के अधिवक्ता सुनील यादव का कहना था कि याची ने ओबीसी कोटे से आवेदन किया था. उसने ऑनलाइन फॉर्म में 16 अगस्त 2015 को जारी ओबीसी सर्टिफिकेट लगाया था. परीक्षा के उपरांत दस्तावेजों के सत्यापन के समय याची ने 18 अप्रैल 2016 को जारी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया.
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इसी आधार पर याची को सामान्य वर्ग का मान लिया गया और वह चयन से वंचित हो गया, जबकि ओबीसी कोटे की मेरिट 396 थी और याची को 397.3 अंक प्राप्त हुए थे. यदि याची को ओबीसी कैटेगरी में माना जाता तो उसका चयन हो सकता था. पुलिस भर्ती बोर्ड के विरुद्ध उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड को याची के जाति प्रमाण पत्र पर विचार करते हुए निर्णय लेने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद विशेष सचिव ने बिना विचार किये याची का प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया है.