ETV Bharat / state

विज्ञापन योग्यता पर ही हो सकता है चयन, योग्यता मानक तय करना नियोजक का अधिकार : इलाहाबाद हाई कोर्ट - Advocate BKS Raghuvanshi

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पद की भर्ती की योग्यता तय करने का पूरा अधिकार नियोजक को ही है. भर्ती विज्ञापन की योग्यता शर्तें रखने वाले अभ्यर्थियों को ही चयन प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार है. याचिका का लोकसेवा आयोग की तरफ से अधिवक्ता बीकेएस रघुवंशी ने प्रतिवाद किया.

etv bharat
इलाहाबाद हाई कोर्ट
author img

By

Published : Mar 29, 2022, 10:35 PM IST

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पद की भर्ती की योग्यता तय करने का पूरा अधिकार नियोजक को ही है. भर्ती विज्ञापन की योग्यता शर्तें रखने वाले अभ्यर्थियों को ही चयन प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार है.

कोर्ट ने कहा कि सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती के लिए ओ लेबल कंप्यूटर कोर्स या समकक्ष प्रमाणपत्र की योग्यता निर्धारित की गई है. याची के पास ओ लेबल प्रमाणपत्र के समक्ष योग्यता नहीं है. इसलिए उसकी अभ्यर्थिता निरस्त करना अवैध नहीं है. कोर्ट ने याची को राहत देने से इंकार कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान (Justice Manju Rani Chauhan) ने कविता सोनकर की याचिका पर दिया है. याचिका का लोक सेवा आयोग की तरफ से अधिवक्ता बीकेएस रघुवंशी (Advocate BKS Raghuvanshi) ने प्रतिवाद किया.

इसे भी पढ़ेंः प्रयागराज में राज्य जीएसटी अधिकरण और प्रदेश में 4 एरिया पीठों के गठन का मुद्दा वृहद पीठ के सुपुर्द

याची का कहना था कि 2014 की लोक सेवा आयोग की एआरओ भर्ती परीक्षा में वह सफल घोषित की गई. कंप्यूटर की 'ओ' लेबल प्रमाणपत्र न होने के कारण उसकी अभ्यर्थिता निरस्त कर दी गई जिसे चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के इस परिप्रेक्ष्य में दिए गए कई फैसलों का हवाला दिया और कहा कि निर्धारित योग्यता के बगैर चयन नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पद की भर्ती की योग्यता तय करने का पूरा अधिकार नियोजक को ही है. भर्ती विज्ञापन की योग्यता शर्तें रखने वाले अभ्यर्थियों को ही चयन प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार है.

कोर्ट ने कहा कि सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती के लिए ओ लेबल कंप्यूटर कोर्स या समकक्ष प्रमाणपत्र की योग्यता निर्धारित की गई है. याची के पास ओ लेबल प्रमाणपत्र के समक्ष योग्यता नहीं है. इसलिए उसकी अभ्यर्थिता निरस्त करना अवैध नहीं है. कोर्ट ने याची को राहत देने से इंकार कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान (Justice Manju Rani Chauhan) ने कविता सोनकर की याचिका पर दिया है. याचिका का लोक सेवा आयोग की तरफ से अधिवक्ता बीकेएस रघुवंशी (Advocate BKS Raghuvanshi) ने प्रतिवाद किया.

इसे भी पढ़ेंः प्रयागराज में राज्य जीएसटी अधिकरण और प्रदेश में 4 एरिया पीठों के गठन का मुद्दा वृहद पीठ के सुपुर्द

याची का कहना था कि 2014 की लोक सेवा आयोग की एआरओ भर्ती परीक्षा में वह सफल घोषित की गई. कंप्यूटर की 'ओ' लेबल प्रमाणपत्र न होने के कारण उसकी अभ्यर्थिता निरस्त कर दी गई जिसे चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के इस परिप्रेक्ष्य में दिए गए कई फैसलों का हवाला दिया और कहा कि निर्धारित योग्यता के बगैर चयन नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.