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चुनाव प्रशिक्षण मामले में हस्तक्षेप से इंकार, याचिका खारिज - न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विधानसभा चुनाव अधिकारियों की आनलाइन प्रशिक्षण की अनुमति की मांग में दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है. मुख्य स्थायी अधिवक्ता प्रथम जेएन मौर्य ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने डाक्टरों का पैनल तैयार किया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jan 24, 2022, 9:43 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव अधिकारियों का आनलाइन प्रशिक्षण की अनुमति की मांग में दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने पूछा था कि ऐसे लोग जिनकी इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है, उनके प्रशिक्षण से वापस आने पर परिवार को संक्रमण का खतरा है, तो क्या ऑन लाइन प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता.

आयोग के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पाण्डेय ने कोर्ट को आयोग द्वारा प्रशिक्षण के लिए किये गए इंतजाम की जानकारी दी और कहा कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. मुख्य स्थायी अधिवक्ता प्रथम जेएन मौर्य ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने डाक्टरों का पैनल तैयार किया है. वह बीमार लोगों की जांच कर रिपोर्ट देगा. जिला निर्वाचन अधिकारी को अधिकार दिया गया है कि वह ड्यूटी से छूट दे सकता है. वैसे भी जो 24 और 25 को प्रशिक्षण ले नहीं सकेंगे. उन्होंने शनिवार 29 जनवरी को विशेष व्यवस्था के तहत प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है.

इसे भी पढे़ंः हाईकोर्ट बार एसो. महासचिव ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र, जाने क्यों?

यह भी बताया कि ईवीएम मशीन के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना है. वह ऑन लाइन नहीं दिया जा सकता. शारीरिक रुप से उपस्थित होकर ईवीएम मशीन की जानकारी प्राप्त करना जरूरी है.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने दयालबाग शिक्षण संस्थान की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. याची का कहना था कि 324 में से 194 लोगों को 24 और 25 जनवरी को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है. इन 194 में से कुछ लोग ऐसी बीमारी से ग्रस्त हैं, जिससे उन्हें कोरोना संक्रमित होने की अधिक संभावना है. यदि ये संक्रमण लेकर घर वापस गये तो परिवार के हित में नहीं होगा. चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के खंड 40 में लिखा है कि चुनाव अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा सकता है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव अधिकारियों का आनलाइन प्रशिक्षण की अनुमति की मांग में दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने पूछा था कि ऐसे लोग जिनकी इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है, उनके प्रशिक्षण से वापस आने पर परिवार को संक्रमण का खतरा है, तो क्या ऑन लाइन प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता.

आयोग के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पाण्डेय ने कोर्ट को आयोग द्वारा प्रशिक्षण के लिए किये गए इंतजाम की जानकारी दी और कहा कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. मुख्य स्थायी अधिवक्ता प्रथम जेएन मौर्य ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने डाक्टरों का पैनल तैयार किया है. वह बीमार लोगों की जांच कर रिपोर्ट देगा. जिला निर्वाचन अधिकारी को अधिकार दिया गया है कि वह ड्यूटी से छूट दे सकता है. वैसे भी जो 24 और 25 को प्रशिक्षण ले नहीं सकेंगे. उन्होंने शनिवार 29 जनवरी को विशेष व्यवस्था के तहत प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है.

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यह भी बताया कि ईवीएम मशीन के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना है. वह ऑन लाइन नहीं दिया जा सकता. शारीरिक रुप से उपस्थित होकर ईवीएम मशीन की जानकारी प्राप्त करना जरूरी है.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने दयालबाग शिक्षण संस्थान की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. याची का कहना था कि 324 में से 194 लोगों को 24 और 25 जनवरी को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है. इन 194 में से कुछ लोग ऐसी बीमारी से ग्रस्त हैं, जिससे उन्हें कोरोना संक्रमित होने की अधिक संभावना है. यदि ये संक्रमण लेकर घर वापस गये तो परिवार के हित में नहीं होगा. चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के खंड 40 में लिखा है कि चुनाव अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा सकता है.

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