प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने फर्जी हलफनामा और गलत जन्मतिथि के खुलासे पर याचिका वापस करने की मांग 10 हजार रुपये हर्जाने के साथ खारिज कर दी है. याचियों को हर्जाना राशि दो हफ्ते में विधिक सेवा समिति हाई कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही कहा है कि जमा न करने पर संबंधित जिलाधिकारी राजस्व वसूली प्रक्रिया के तहत वसूली करें.
ये आदेश न्यायमूर्ति उमेश कुमार ने गाजियाबाद की अनुष्का सिंह और उन्नाव की श्रीमती पूनम और अन्य की याचिका पर दिया है. पहले मामले में अनुष्का सिंह ने याचिका दाखिल कर संरक्षण मांगा था कि दोनों बालिग हैं. आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली है. परिवार वालों को उनके शांति पूर्ण जीवन में हस्तक्षेप करने से रोका जाये.
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शिकायतकर्ता की ओर से हाई स्कूल अंकपत्र में दर्ज जन्मतिथि के आधार पर लड़की को नाबालिग बताया गया. याची ने याचिका वापस करने की प्रार्थना की. जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने हर्जाना लगाया है. इसी तरह से पूनम की याचिका पर फर्जी हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया तो उन्होंने भी याचिका वापस करने की प्रार्थना की. हर्जाने के साथ प्रार्थना स्वीकार कर ली गई है. इस याचिका में दूसरे याची पर लड़की का अपहरण करने के आरोप में कन्नौज के तिखा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. कोर्ट ने दोनों याचिकाएं हर्जाने के साथ वापस करते हुए खारिज कर दी है.