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HC ने राज्य सरकार को दिये निर्देश, पुलिस अभिरक्षा में मौत की जांच SIT के सुपुर्द, तीन महीने में मांगी रिपोर्ट - इलाहाबाद हाई कोर्ट

पुलिस अभिरक्षा में हुई मौत की जांच मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है. जिसमें जांच एसआईटी से कराने की बात कही गई है. इस टीम में एक एसपी और दो डीएसपी रैंक के अधिकारी होंगे.

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HC ने राज्य सरकार को दिये निर्देश
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Published : May 24, 2022, 10:46 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कन्नौज की तिरवा कोतवाली में पुलिस अभिरक्षा में मौत मामले की जांच एसआईटी को सौंपने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि एसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी रैंक के दो सदस्यों को लेकर एसआईटी गठित की जाये.

कोर्ट ने एसआईटी को उन सभी पहलुओं की जांच करने का आदेश दिया है. जिससे पता चला कि मृतक अनिल सिंह ने आत्महत्या की है या उसकी हत्या की गई है. कोर्ट ने तीन महीने में रिपोर्ट मांगी है.

कोर्ट ने आरोपी दो पुलिस अधिकारियों को जांच में सहयोग करने की शर्त पर उनके उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. याचिका की अगली सुनवाई 6 सितंबर 22 को याचियों का कहना है कि 2020 में नशे में धुत मृतक अपनी ससुराल में हंगामा किये था. पुलिस उसे थाने में लाई. जहां शौचालय में उसने फांसी लगा ली.

मृतक के पिता की तरफ से पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गई. दूसरी एफआईआर पुलिस की ओर से पुलिस के खिलाफ मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने और मजबूर करने के आरोप में दर्ज कराई.

इसे भी पढ़ें- बिना रिकॉर्ड के कोर्ट में आए भारत सरकार के अंडर सेक्रेटरी के आचरण से हाईकोर्ट खफा, सुनवाई टली

याचियों का कहना था कि एक ही घटना की दो एफआईआर विधि के खिलाफ है. दोनों की एक एजेंसी से जांच कराई जाये. शिकायतकर्ता के अधिवक्ता योगेश कुमार ने फोटोग्राफ दिये. जिसमें शौचालय के छत की ऊंचाई काफी कम है और फंदे पर लटके शव का पंजा जमीन पर स्पर्श करता दिखाई दे रहा है. पुलिस अभिरक्षा में हत्या की आशंका जताई जा रही है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कन्नौज की तिरवा कोतवाली में पुलिस अभिरक्षा में मौत मामले की जांच एसआईटी को सौंपने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि एसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी रैंक के दो सदस्यों को लेकर एसआईटी गठित की जाये.

कोर्ट ने एसआईटी को उन सभी पहलुओं की जांच करने का आदेश दिया है. जिससे पता चला कि मृतक अनिल सिंह ने आत्महत्या की है या उसकी हत्या की गई है. कोर्ट ने तीन महीने में रिपोर्ट मांगी है.

कोर्ट ने आरोपी दो पुलिस अधिकारियों को जांच में सहयोग करने की शर्त पर उनके उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. याचिका की अगली सुनवाई 6 सितंबर 22 को याचियों का कहना है कि 2020 में नशे में धुत मृतक अपनी ससुराल में हंगामा किये था. पुलिस उसे थाने में लाई. जहां शौचालय में उसने फांसी लगा ली.

मृतक के पिता की तरफ से पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गई. दूसरी एफआईआर पुलिस की ओर से पुलिस के खिलाफ मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने और मजबूर करने के आरोप में दर्ज कराई.

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याचियों का कहना था कि एक ही घटना की दो एफआईआर विधि के खिलाफ है. दोनों की एक एजेंसी से जांच कराई जाये. शिकायतकर्ता के अधिवक्ता योगेश कुमार ने फोटोग्राफ दिये. जिसमें शौचालय के छत की ऊंचाई काफी कम है और फंदे पर लटके शव का पंजा जमीन पर स्पर्श करता दिखाई दे रहा है. पुलिस अभिरक्षा में हत्या की आशंका जताई जा रही है.

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