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इलाहाबाद HC ने धोखाधड़ी और फर्जी कंपनी के जरिये करोड़ों रुपये के आरोपी को दी सशर्त जमानत - प्रयागराज का समाचार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने षड़यंत्र, धोखाधड़ी और फर्जी कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपी सुमित अवस्थी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने कहा कि समान आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने अन्य मामले में जमानत दे दी है. इसलिए इस मामले में भी याची जमानत पाने का हकदार है.

करोड़ों रुपये के आरोपी को कोर्ट ने दी सशर्त जमानत
करोड़ों रुपये के आरोपी को कोर्ट ने दी सशर्त जमानत
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Published : Dec 2, 2021, 10:39 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने षड़यंत्र, धोखाधड़ी और फर्जी कंपनी के जरिए करोड़ों हड़पने के आरोपी सुमित अवस्थी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने कहा कि समान आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट अन्य मामले में जमानत दे दी है. इसलिए इस मामले में भी याची जमानत पाने का हकदार है. ये आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने दिया है. अर्जी पर अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा ने बहस की.

याची ने ये तीसरी जमानत अर्जी दी है. इससे पहले हाईकोर्ट दो बार जमानत देने से इंकार कर चुकी है. याची मेसर्स बायोमास रिसर्च एण्ड टेक्निकल सोल्यूशन प्रा. लिमिटेड कानपुर नगर में 2005 से कार्यरत रहा है. यह कंपनी पोल्ट्री फार्म के लिए सप्लीमेंट फूड का उत्पादन करती है. निवेशकों से आदेश नकद या चेक से लिए जाते हैं.

याची ने अपने बहनोई (जीजा) के साथ मिलकर इसी नाम की कंपनी बनाकर करोड़ों के आदेश के भुगतान लेकर जमा किया. कोतवाली, कानपुर नगर में एफआईआर दर्ज कराई गई और पुलिस ने गिरफ्तार कर 19 जुलाई 2016 को जेल भेज दिया है.

इसे भी पढ़ें- दस रुपये के लिए दारोगाजी ने करा दी पुलिस महकमे की किरकिरी...पढ़िए पूरी खबर

याची अधिवक्ता का कहना था कि ऐसे ही मामले में जमानत मिल चुकी है. इसलिए इसमें भी रिहा किया जाए. कोर्ट ने कहा कि शर्तें न मानने पर जमानत निरस्त हो सकेगी.

इसे भी पढ़ें- टेबल न सुना पाने पर छात्र को चेयर बनाकर पीटा, प्रिंसिपल ने नहीं सुनी शिकायत...

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने षड़यंत्र, धोखाधड़ी और फर्जी कंपनी के जरिए करोड़ों हड़पने के आरोपी सुमित अवस्थी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने कहा कि समान आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट अन्य मामले में जमानत दे दी है. इसलिए इस मामले में भी याची जमानत पाने का हकदार है. ये आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने दिया है. अर्जी पर अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा ने बहस की.

याची ने ये तीसरी जमानत अर्जी दी है. इससे पहले हाईकोर्ट दो बार जमानत देने से इंकार कर चुकी है. याची मेसर्स बायोमास रिसर्च एण्ड टेक्निकल सोल्यूशन प्रा. लिमिटेड कानपुर नगर में 2005 से कार्यरत रहा है. यह कंपनी पोल्ट्री फार्म के लिए सप्लीमेंट फूड का उत्पादन करती है. निवेशकों से आदेश नकद या चेक से लिए जाते हैं.

याची ने अपने बहनोई (जीजा) के साथ मिलकर इसी नाम की कंपनी बनाकर करोड़ों के आदेश के भुगतान लेकर जमा किया. कोतवाली, कानपुर नगर में एफआईआर दर्ज कराई गई और पुलिस ने गिरफ्तार कर 19 जुलाई 2016 को जेल भेज दिया है.

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याची अधिवक्ता का कहना था कि ऐसे ही मामले में जमानत मिल चुकी है. इसलिए इसमें भी रिहा किया जाए. कोर्ट ने कहा कि शर्तें न मानने पर जमानत निरस्त हो सकेगी.

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