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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भूसमाधि ले रहे छात्रों की पुलिस से हुई धक्कामुक्की

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) में चार गुना फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों का अनशन 22वें दिन छात्रों ने गड्ढे में बैठकर भू समाधि लेने लगे. एक हजार छात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम से पत्र भी भेज रहे हैं.

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भूसमाधि ले रहे छात्रों की पुलिस से हुई धक्कामुक्की
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Published : Sep 27, 2022, 5:25 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में चार गुना फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों का अनशन 22वें दिन भी जारी रहा. इस दौरान छात्र भू समाधि लेकर विरोध करने जा रहे थे. जैसे ही छात्र कैंपस में किये गए गढ्ढे में बैठे और उनके ऊपर मिट्टी डालने का काम शुरू किया गया. उसी समय कैंपस में मौजूद पुलिस वालों ने छात्रों को रोका. छात्रों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की के बीच उन्हें गढ्ढे से बाहर निकाला. विश्वविद्यालय के छात्रों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भेजना शुरू कर दिया .

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय भूसमाधि ले रहे छात्रों की पुलिस से धक्कामुक्की, फीस वृद्धि पर छात्रों ने कही ये बातें



बता दें कि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के यूनियन हॉल के सामने मैदान में छात्रों ने गड्ढा किया. जिसके बाद छात्र उसी गड्ढे में बैठकर भू समाधि लेने लगे. जैसे ही गड्ढे में बैठे छात्रों के ऊपर मिट्टी डालना शुरू किया गया. उसी दौरान मैदान में छात्रों द्वारा भू समाधि को लेकर पुलिस के बीच जमकर धक्कामुक्की और नोकझोंक हुई. इस दौरान छात्रों की अधिक संख्या को देखते हुए पुलिस के साथ ही पीएसी के जवान भी आ गए. इसके बाद गढ्ढे में बैठे छात्रों को जबरन निकाला गया.

विश्वविद्यालय के छात्रों ने पुलिस पर उनका दमन करने का आरोप लगाया. छात्रों का कहना है कि सरकार 4 गुना फीस वृद्धि के फैसले को न तो वापस ले रही है. ना ही अपनी मांग को लेकर छात्रों को प्रदर्शन करने दे रही है. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन के लोग आंदोलन कर रहे छात्रों को डरा रहे हैं. इसके साथ ही छात्रों का यह भी आरोप है कि आंदोलनरत छात्रों के खिलाफ कई फर्जी मुकदमें भी लिखवाए गए हैं. भू समाधि ले रहे छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं. तो वह और भी उग्र आंदोलन करेगें.

फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों का अनशन 22वें दिन भी जारी रहा. इस फीस वृद्धि के फैसले को लेकर छात्र 5 सितबंर से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. मंगलवार को छात्रों ने फीस वृद्धि को वापस लेने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) के नाम से पत्र भेज रहे हैं. पत्र के जरिये न सिर्फ फीस वृद्धि को वापस लेने की मांग की जा रही है. बल्कि कई छात्र फीस वृद्धि को लागू करने वाली वीसी को भी पद से हटाने की भी मांग कर रहे हैं.


यह भी पढ़ें-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में वीसी की तेरहवीं करके छात्रों ने जताया विरोध


राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को एक हजार छात्र लिखेंगे पत्र
एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने सोमवार को विश्वविद्यालय के सभी एंट्री गेट पर तालाबंदी कर विरोध जताया था. जिसके बाद अब छात्र महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर अपनी मांगों से उन्हें अवगत करवाएंगे. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक हजार छात्र पत्र भेजेंगे. इस पत्र के जरिये छात्र विश्वविद्यालय में की गयी फीस वृद्धि को वापस कराने की मांग कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि चार गुना बढ़ायी गयी फीस हर छात्र नहीं दे सकता है. सरकार न सिर्फ मनमानी फीस वृद्धि को वापस करवाये. बल्कि चार गुना फीस का बोझ छात्रों पर डालने वाली वीसी को भी पद से हटाने का काम करना चाहिए.
यह भी पढ़ें-राजस्थान की बगावत से सोनिया परेशान, गड़बड़ी करने वाले नेताओं पर जल्द होगी कार्रवाई

प्रयागराजः इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में चार गुना फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों का अनशन 22वें दिन भी जारी रहा. इस दौरान छात्र भू समाधि लेकर विरोध करने जा रहे थे. जैसे ही छात्र कैंपस में किये गए गढ्ढे में बैठे और उनके ऊपर मिट्टी डालने का काम शुरू किया गया. उसी समय कैंपस में मौजूद पुलिस वालों ने छात्रों को रोका. छात्रों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की के बीच उन्हें गढ्ढे से बाहर निकाला. विश्वविद्यालय के छात्रों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भेजना शुरू कर दिया .

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय भूसमाधि ले रहे छात्रों की पुलिस से धक्कामुक्की, फीस वृद्धि पर छात्रों ने कही ये बातें



बता दें कि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के यूनियन हॉल के सामने मैदान में छात्रों ने गड्ढा किया. जिसके बाद छात्र उसी गड्ढे में बैठकर भू समाधि लेने लगे. जैसे ही गड्ढे में बैठे छात्रों के ऊपर मिट्टी डालना शुरू किया गया. उसी दौरान मैदान में छात्रों द्वारा भू समाधि को लेकर पुलिस के बीच जमकर धक्कामुक्की और नोकझोंक हुई. इस दौरान छात्रों की अधिक संख्या को देखते हुए पुलिस के साथ ही पीएसी के जवान भी आ गए. इसके बाद गढ्ढे में बैठे छात्रों को जबरन निकाला गया.

विश्वविद्यालय के छात्रों ने पुलिस पर उनका दमन करने का आरोप लगाया. छात्रों का कहना है कि सरकार 4 गुना फीस वृद्धि के फैसले को न तो वापस ले रही है. ना ही अपनी मांग को लेकर छात्रों को प्रदर्शन करने दे रही है. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन के लोग आंदोलन कर रहे छात्रों को डरा रहे हैं. इसके साथ ही छात्रों का यह भी आरोप है कि आंदोलनरत छात्रों के खिलाफ कई फर्जी मुकदमें भी लिखवाए गए हैं. भू समाधि ले रहे छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं. तो वह और भी उग्र आंदोलन करेगें.

फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों का अनशन 22वें दिन भी जारी रहा. इस फीस वृद्धि के फैसले को लेकर छात्र 5 सितबंर से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. मंगलवार को छात्रों ने फीस वृद्धि को वापस लेने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) के नाम से पत्र भेज रहे हैं. पत्र के जरिये न सिर्फ फीस वृद्धि को वापस लेने की मांग की जा रही है. बल्कि कई छात्र फीस वृद्धि को लागू करने वाली वीसी को भी पद से हटाने की भी मांग कर रहे हैं.


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राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को एक हजार छात्र लिखेंगे पत्र
एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने सोमवार को विश्वविद्यालय के सभी एंट्री गेट पर तालाबंदी कर विरोध जताया था. जिसके बाद अब छात्र महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर अपनी मांगों से उन्हें अवगत करवाएंगे. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक हजार छात्र पत्र भेजेंगे. इस पत्र के जरिये छात्र विश्वविद्यालय में की गयी फीस वृद्धि को वापस कराने की मांग कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि चार गुना बढ़ायी गयी फीस हर छात्र नहीं दे सकता है. सरकार न सिर्फ मनमानी फीस वृद्धि को वापस करवाये. बल्कि चार गुना फीस का बोझ छात्रों पर डालने वाली वीसी को भी पद से हटाने का काम करना चाहिए.
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