प्रयागराजः संगम नगरी में 19 नवम्बर को अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन का आयोजन किया जाएगा. जिसमें देश भर के अलग अलग हिस्सों से धावक शामिल होंगे. रविवार को 38वीं बार होने जा रही 42.195 किलो मीटर लंबी मैराथन दौड़ के सफल आयोजन को लेकर खेल विभाग के साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी मिलकर तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. जिलाधिकरी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि अभी तक मैराथन में शामिल होने के लिए 2 सौ से अधिक धावकों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. जो मैराथन शुरू होने से कुछ घंटे पहले तक चलता रहेगा. मैराथन रन फ़ॉर स्वच्छता नो प्लास्टिक का संदेश देने वाली होगी. उन्होंने कहा कि पूरी रेस पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हो और किसी भी धावक को कोई परेशानी न हो उसका भी ध्यान रखा जाएगा.
धावकों के साथ-साथ गाड़ियों से चलकर होगी निगरानी
1985 से शुरू हुई इंदिरा मैराथन की बार की थीम रन फ़ॉर स्वच्छता नो प्लास्टिक रन के रूप में मनाया जा रहा है. जिसके तहत पूरे रेस के रास्ते में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसके साथ लोगों को प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने और स्वच्छता का भी संदेश दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने बताया कि मैराथन के दौरान पूरे रास्ते में धावकों के जलपान की व्यवस्था की गयी है. आयोजकों की टीम के मेम्बर भी मौजूद रहेंगे. धावकों को जूस और पानी देने के साथ ही उनकी निगरानी भी करते रहेंगे. हर एक एक किलोमीटर की दूरी पर अयोजन से जुड़े लोग मौजूद रहेंगे और वो धावकों पर मार्किंग करने के लिए कलर फेंकने के साथ ही उनकी टाइमिंग नोट करेंगे. धावक रास्ते में किसी प्रकार से धोखाधड़ी न कर सकें, इसके लिए पूरे रास्ते भर में एक हजार लोग अलग स्थानों पर तैनात रहेंगे. कुछ लोग धावकों के साथ साथ गाड़ियों से चलकर भी निगरानी करेंगे.
विजेताओं को मिलेगा नगद इनाम
मैराथन दौड़ पुरुष और महिला दोनों वर्ग के लिए अलग होगी. दोनों वर्गों के प्रथम विजेताओं को 2 लाख रुपये और द्वितीय पुरष्कार के रूप में 1 लाख रुपये और तीसरे स्थान पर आने वाले को 75 हजार रुपये नगदम इनाम दिया जाएगा. चौथे नंबर से 14वें नंबर पर आने वाले सभी धावकों को 10-10 हजार की इनाम राशि दी जाएगी. इस मैराथन में देश के अलग अलग हिस्सों के धावकों के साथ ही सेना और रेलवे के साथ ही अन्य विभागों के खिलाड़ी भी शामिल होने आते हैं.