प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की बीवी अफशा अंसारी (Afshan Ansari) के शस्त्र लाइसेंस (Arms License) निलंबित करने के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि जांच विचाराधीन रहने के दौरान अधिकारियों को शस्त्र लाइसेंस निलंबित करने का अधिकार नहीं है. किन्तु इस आदेश का प्रभाव लाइसेंस निरस्त करने की जांच प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा. याची को सुनकर कार्यवाही पूरी की जाये.
यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने अफशा अंसारी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने बहस की. याची अधिवक्ता का कहना था कि दर्जी टोला यूसुफपुर, मुहम्मदाबाद गाजीपुर की निवासी अफशा अंसारी के खिलाफ 6 आपराधिक केस दर्ज हैं. शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की जांच चल रही है. जांच पूरी हुए बगैर शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिया गया, जो सुप्रीम कोर्ट के छंगा प्रसाद साहू केस के फैसले के विपरीत है. उस फैसले में कहा गया था कि जांच लंबित रहते शस्त्र लाइसेंस निलंबित नहीं किया जा सकता.
गौरतलब है कि बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. मुख्तार अंसारी से संबंधित 42 लोगों के शस्त्र लाइसेंस को प्रशासन निलंबित कर चुका है. इसके बाद प्रशासन ने मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी के शस्त्र लाइसेंस को भी निरस्त कर दिया.
योगी सरकार उत्तर प्रदेश में माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. पंजाब की जेल में बंद मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश की जेल में लाने के लिए योगी सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था. एंबुलेंस के मामले में भी लोगों की गिरफ्तारियां हुईं. इतना ही नहीं, गाजीपुर और लखनऊ में मुख्तार की पत्नी और उसके साले की दो करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की गयी.
इसे भी पढ़ें - मुख्तार अंसारी की पत्नी और साले के खिलाफ कार्रवाई, 31 लाख की ऑडी सीज