प्रयागराज: बीएसपी ब्राह्मणों को साधने के लिए प्रदेश के अलग-अलग मंडलों में सम्मेलन करने जा रही है. जिसकी वजह से सत्ताधारी दल भाजपा के साथ ही सपा और कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ गई है. यही वजह है कि बसपा कार्यकर्ता जहां इस आयोजन को लेकर उत्साहित हैं, वहीं विपक्षी पार्टियां इस तरह के आयोजन पर सवाल खड़े कर रही हैं. दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव ने चेतावनी दी है कि अगर बसपा ने ब्राह्मण सम्मेलन किया तो वो हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करेंगे.
उनका कहना है कि जब हाईकोर्ट ने जातीय सम्मेलन के आयोजन पर रोक लगायी है तो बसपा कैसे इस तरह का आयोजन कर सकती है. उन्होंने साफ कहाकि बसपा ब्राह्मण सम्मेलन के नाम से आयोजन करती है तो याचिकाकर्ता अवमानना याचिका दाखिल कर सकता है. इसके अलावा कोर्ट खुद मामले का स्वतः संज्ञान ले सकती है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह अपनी तरफ से इस तरह के जातीय सम्मेलन के आयोजन पर रोक लगाने की मांग में अवमानना याचिका अथवा जनहित याचिका दाखिल करेंगे.
संगम नगरी में 26 जुलाई को होगा आयोजन
23 जुलाई से बहुजन समाज पार्टी द्वारा ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत भगवान राम की धरती अयोध्या से करने जा रही है. इसके बाद 26 जुलाई को बसपा का ये सम्मेलन प्रयागराज के हंडिया विधानसभा क्षेत्र में आयोजित होना है. जिसको लेकर बसपा के नेता उत्साहित होकर कार्यक्रम की तैयारी में जुटे हुए हैं. बसपा नेता चौधरी सईद अहमद से हाईकोर्ट की रोक के बावजूद ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि इस आयोजन में किसी भी जाति के लोग जा सकते है. जिसमें उनकी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं के द्वारा समाज के लिए किये गए कार्यों को बताया जाएगा. जिसका मकसद ब्राह्मण समाज को बसपा से जोड़ने का है, हालांकि उन्होंने यह भी सफाई दी कि उनकी पार्टी कोर्ट के किसी भी आदेश की अवहेलना नहीं करेगी.
वहीं, कांग्रेस नेता ने भी मायावती के ब्राह्मण प्रेम को दिखावा बताते हुए उनसे सीएम उम्मीदवार के रूप में ब्राह्मण चेहरा ही घोषित करने की मांग उठायी है. कांग्रेस नेता बाबा अभय अवस्थी का कहना है कि एक बार ब्राह्मणों का साथ मायावती छोड़ चुकी हैं अब उनके साथ कोई ब्राह्मण नहीं जाएगा. पहले बसपा प्रमुख यह तय कर लें कि वो खुद किसके साथ हैं, क्योंकि अभी तक तो वो बीजेपी की बी-टीम बनकर काम कर रही हैं.
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सपा ने कहा बसपा यूपी में खो चुकी है जनाधार
वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने बसपा के इस सम्मेलन के आयोजन जातियों को बांटने वाला बताया है. सपा नेता ऋचा सिंह का साफ कहना है कि यूपी में बसपा जनाधार खो चुकी है. चुनाव देखकर जिस तरह से मायावती जातीय सम्मेलन कर रही हैं जनता उनके झांसे में आने वाली नहीं है.