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BSP का ब्राह्मण सम्मेलन: अधिवक्ता की चेतावनी, ब्राह्मण सम्मेलन किया तो दाखिल करेंगे अवमानना याचिका

बसपा के होने वाले ब्राह्मण आयोजन से सभी राजनैतिक पार्टियों की नींद उड़ी हुई है. बीएसपी ब्राह्मणों को साधने के लिए प्रदेश के अलग-अलग मंडलों में सम्मेलन करने जा रही है. वहीं विपक्षी पार्टियां इस तरह के आयोजन पर सवाल खड़े कर रही हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी के साथ रही सपा ने इस आयोजन को जातियों को बांटने वाला बताया है, तो दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव ने चेतावनी दी है कि अगर बसपा ने ब्राह्मण सम्मेलन किया तो वो हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करेंगे.

बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
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Published : Jul 23, 2021, 3:38 AM IST

प्रयागराज: बीएसपी ब्राह्मणों को साधने के लिए प्रदेश के अलग-अलग मंडलों में सम्मेलन करने जा रही है. जिसकी वजह से सत्ताधारी दल भाजपा के साथ ही सपा और कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ गई है. यही वजह है कि बसपा कार्यकर्ता जहां इस आयोजन को लेकर उत्साहित हैं, वहीं विपक्षी पार्टियां इस तरह के आयोजन पर सवाल खड़े कर रही हैं. दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव ने चेतावनी दी है कि अगर बसपा ने ब्राह्मण सम्मेलन किया तो वो हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करेंगे.

बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
जातीय सम्मेलन के आयोजन पर 2013 में हाईकोर्ट ने लगायी थी रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जुलाई 2013 में जातीय सम्मेलनों के आयोजन पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद से यूपी में तमाम जातियों के नाम से होने वाले जातीय सम्मेलन होने बंद हो गए थे, लेकिन बसपा ने पिछले दिनों प्रदेश भर में ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन करने की बात कहकर सभी की चौंका दिया था. अयोध्या के बाद 26 जुलाई को प्रयागराज में भी ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन किया जाना है. जिसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव ने कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करने की चेतवानी दी है.

उनका कहना है कि जब हाईकोर्ट ने जातीय सम्मेलन के आयोजन पर रोक लगायी है तो बसपा कैसे इस तरह का आयोजन कर सकती है. उन्होंने साफ कहाकि बसपा ब्राह्मण सम्मेलन के नाम से आयोजन करती है तो याचिकाकर्ता अवमानना याचिका दाखिल कर सकता है. इसके अलावा कोर्ट खुद मामले का स्वतः संज्ञान ले सकती है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह अपनी तरफ से इस तरह के जातीय सम्मेलन के आयोजन पर रोक लगाने की मांग में अवमानना याचिका अथवा जनहित याचिका दाखिल करेंगे.

संगम नगरी में 26 जुलाई को होगा आयोजन

23 जुलाई से बहुजन समाज पार्टी द्वारा ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत भगवान राम की धरती अयोध्या से करने जा रही है. इसके बाद 26 जुलाई को बसपा का ये सम्मेलन प्रयागराज के हंडिया विधानसभा क्षेत्र में आयोजित होना है. जिसको लेकर बसपा के नेता उत्साहित होकर कार्यक्रम की तैयारी में जुटे हुए हैं. बसपा नेता चौधरी सईद अहमद से हाईकोर्ट की रोक के बावजूद ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि इस आयोजन में किसी भी जाति के लोग जा सकते है. जिसमें उनकी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं के द्वारा समाज के लिए किये गए कार्यों को बताया जाएगा. जिसका मकसद ब्राह्मण समाज को बसपा से जोड़ने का है, हालांकि उन्होंने यह भी सफाई दी कि उनकी पार्टी कोर्ट के किसी भी आदेश की अवहेलना नहीं करेगी.

बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
भाजपा ने बसपा से ब्राह्मण नेता को सीएम का उम्मीदवार बनाये जाने की मांग की
बसपा के ब्राह्मण प्रेम को देखकर भाजपा नेता ने तंज कसते हुए कहा कि बसपा में एक ही मुख्य ब्राह्मण नेता सतीश चंद्र मिश्रा हैं. अगर बसपा को ब्राह्मण समाज से इतना लगाव है तो वो ब्राह्मण नेता को 2022 के यूपी चुनाव में सीएम का उम्मीदवार घोषित कर दें. बसपा ब्राह्मण नेता को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित कर दे तो शायद कुछ ब्राह्मण मतदाताओं का वोट उन्हें हासिल हो सकता है.


वहीं, कांग्रेस नेता ने भी मायावती के ब्राह्मण प्रेम को दिखावा बताते हुए उनसे सीएम उम्मीदवार के रूप में ब्राह्मण चेहरा ही घोषित करने की मांग उठायी है. कांग्रेस नेता बाबा अभय अवस्थी का कहना है कि एक बार ब्राह्मणों का साथ मायावती छोड़ चुकी हैं अब उनके साथ कोई ब्राह्मण नहीं जाएगा. पहले बसपा प्रमुख यह तय कर लें कि वो खुद किसके साथ हैं, क्योंकि अभी तक तो वो बीजेपी की बी-टीम बनकर काम कर रही हैं.

बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!

यह भी पढ़ें- यूपी की सियासत में ब्राह्मण क्यों जरूरी? 14 साल बाद मायावती के 'विप्र कार्ड' से हर दल परेशान



सपा ने कहा बसपा यूपी में खो चुकी है जनाधार

वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने बसपा के इस सम्मेलन के आयोजन जातियों को बांटने वाला बताया है. सपा नेता ऋचा सिंह का साफ कहना है कि यूपी में बसपा जनाधार खो चुकी है. चुनाव देखकर जिस तरह से मायावती जातीय सम्मेलन कर रही हैं जनता उनके झांसे में आने वाली नहीं है.

बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
बहरहाल बसपा के इस आयोजन से सभी राजनैतिक पार्टियों की नींद उड़ी हुई है. अब देखना ये होगा कि ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन बहुजन समाज पूरी तरह से कर पाती है या नहीं. क्योंकि जिस तरह से इस आयोजन को लेकर कानूनी दांव पेंच होने वाला है, उससे बसपा के जातीय सम्मेलन के सहारे चुनावी नैया को पार लगाने की राह आसान नहीं दिख रही है. क्योंकि जल्द ही जातीय सम्मेलन के आयोजन को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा. जिससे बसपा के जातीय सम्मेलन के सहारे अलग अलग जातियों को साधने का सपना चकनाचूर हो सकता है.

प्रयागराज: बीएसपी ब्राह्मणों को साधने के लिए प्रदेश के अलग-अलग मंडलों में सम्मेलन करने जा रही है. जिसकी वजह से सत्ताधारी दल भाजपा के साथ ही सपा और कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ गई है. यही वजह है कि बसपा कार्यकर्ता जहां इस आयोजन को लेकर उत्साहित हैं, वहीं विपक्षी पार्टियां इस तरह के आयोजन पर सवाल खड़े कर रही हैं. दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव ने चेतावनी दी है कि अगर बसपा ने ब्राह्मण सम्मेलन किया तो वो हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करेंगे.

बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
जातीय सम्मेलन के आयोजन पर 2013 में हाईकोर्ट ने लगायी थी रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जुलाई 2013 में जातीय सम्मेलनों के आयोजन पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद से यूपी में तमाम जातियों के नाम से होने वाले जातीय सम्मेलन होने बंद हो गए थे, लेकिन बसपा ने पिछले दिनों प्रदेश भर में ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन करने की बात कहकर सभी की चौंका दिया था. अयोध्या के बाद 26 जुलाई को प्रयागराज में भी ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन किया जाना है. जिसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव ने कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करने की चेतवानी दी है.

उनका कहना है कि जब हाईकोर्ट ने जातीय सम्मेलन के आयोजन पर रोक लगायी है तो बसपा कैसे इस तरह का आयोजन कर सकती है. उन्होंने साफ कहाकि बसपा ब्राह्मण सम्मेलन के नाम से आयोजन करती है तो याचिकाकर्ता अवमानना याचिका दाखिल कर सकता है. इसके अलावा कोर्ट खुद मामले का स्वतः संज्ञान ले सकती है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह अपनी तरफ से इस तरह के जातीय सम्मेलन के आयोजन पर रोक लगाने की मांग में अवमानना याचिका अथवा जनहित याचिका दाखिल करेंगे.

संगम नगरी में 26 जुलाई को होगा आयोजन

23 जुलाई से बहुजन समाज पार्टी द्वारा ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत भगवान राम की धरती अयोध्या से करने जा रही है. इसके बाद 26 जुलाई को बसपा का ये सम्मेलन प्रयागराज के हंडिया विधानसभा क्षेत्र में आयोजित होना है. जिसको लेकर बसपा के नेता उत्साहित होकर कार्यक्रम की तैयारी में जुटे हुए हैं. बसपा नेता चौधरी सईद अहमद से हाईकोर्ट की रोक के बावजूद ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि इस आयोजन में किसी भी जाति के लोग जा सकते है. जिसमें उनकी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं के द्वारा समाज के लिए किये गए कार्यों को बताया जाएगा. जिसका मकसद ब्राह्मण समाज को बसपा से जोड़ने का है, हालांकि उन्होंने यह भी सफाई दी कि उनकी पार्टी कोर्ट के किसी भी आदेश की अवहेलना नहीं करेगी.

बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
भाजपा ने बसपा से ब्राह्मण नेता को सीएम का उम्मीदवार बनाये जाने की मांग की
बसपा के ब्राह्मण प्रेम को देखकर भाजपा नेता ने तंज कसते हुए कहा कि बसपा में एक ही मुख्य ब्राह्मण नेता सतीश चंद्र मिश्रा हैं. अगर बसपा को ब्राह्मण समाज से इतना लगाव है तो वो ब्राह्मण नेता को 2022 के यूपी चुनाव में सीएम का उम्मीदवार घोषित कर दें. बसपा ब्राह्मण नेता को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित कर दे तो शायद कुछ ब्राह्मण मतदाताओं का वोट उन्हें हासिल हो सकता है.


वहीं, कांग्रेस नेता ने भी मायावती के ब्राह्मण प्रेम को दिखावा बताते हुए उनसे सीएम उम्मीदवार के रूप में ब्राह्मण चेहरा ही घोषित करने की मांग उठायी है. कांग्रेस नेता बाबा अभय अवस्थी का कहना है कि एक बार ब्राह्मणों का साथ मायावती छोड़ चुकी हैं अब उनके साथ कोई ब्राह्मण नहीं जाएगा. पहले बसपा प्रमुख यह तय कर लें कि वो खुद किसके साथ हैं, क्योंकि अभी तक तो वो बीजेपी की बी-टीम बनकर काम कर रही हैं.

बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!

यह भी पढ़ें- यूपी की सियासत में ब्राह्मण क्यों जरूरी? 14 साल बाद मायावती के 'विप्र कार्ड' से हर दल परेशान



सपा ने कहा बसपा यूपी में खो चुकी है जनाधार

वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने बसपा के इस सम्मेलन के आयोजन जातियों को बांटने वाला बताया है. सपा नेता ऋचा सिंह का साफ कहना है कि यूपी में बसपा जनाधार खो चुकी है. चुनाव देखकर जिस तरह से मायावती जातीय सम्मेलन कर रही हैं जनता उनके झांसे में आने वाली नहीं है.

बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर असमंजस!
बहरहाल बसपा के इस आयोजन से सभी राजनैतिक पार्टियों की नींद उड़ी हुई है. अब देखना ये होगा कि ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन बहुजन समाज पूरी तरह से कर पाती है या नहीं. क्योंकि जिस तरह से इस आयोजन को लेकर कानूनी दांव पेंच होने वाला है, उससे बसपा के जातीय सम्मेलन के सहारे चुनावी नैया को पार लगाने की राह आसान नहीं दिख रही है. क्योंकि जल्द ही जातीय सम्मेलन के आयोजन को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा. जिससे बसपा के जातीय सम्मेलन के सहारे अलग अलग जातियों को साधने का सपना चकनाचूर हो सकता है.
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