प्रयागराज: बुलंदशहर के स्याना थाना के इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोकशी की घटना में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हत्या के मामले में आरोपी योगेश राज और 3 अन्य को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गयी है. इनपर भारतीय दंड संहिता की धारा124 ए के तहत राजद्रोह का आरोप लगाया गया है. आपको बता दें कि अन्य आरोपो में इनको पहले ही जमानत मिल चुकी है.
इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में आरोपियों को मिली जमानत
इंस्पेक्टर सुबोध सिंह हत्या के मामले में योगेश राज, देवेंद्र, चमन और सोनू के खिलाफ पुलिस ने राजद्रोह के आरोप लगाया है. इस मामले में आशीष चौहान और सतेंद्र को पहले ही जमानत मिल चुकी है. 26 अगस्त 2019 को कोर्ट ने इन्हीं आरोपियों को अन्य धाराओं में पहले ही जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था लेकिन राजद्रोह के आरोप के कारण इनकी रिहाई नहीं हो सकी थी.
फिलहाल ये चारों बुलंदशहर जेल में बंद है. कोर्ट के इस आदेश के बाद अगर इनपर कोई अन्य केस नहीं हुआ तो ये जेल से रिहा हो जाएंगे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग में साल 2013 की 41 हजार 610 कांस्टेबलों की भर्ती में सामान्य महिला की रिक्त सीटें भरने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने प्रीति शुक्ला व अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका के अनुसार 41 हजार 610 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती में महिलाओं के लिए 3 हजार 550 पद थे. 16 जुलाई 2015 को घोषित अंतिम परिणाम में सिर्फ 1 हजार 123 महिला अभ्यर्थियों को ही चयनित किया गया. पुलिस भर्ती बोर्ड ने अपने जवाब में बताया कि महिलाओं के 2427 पद रिक्त रह गए हैं.
कोर्ट के निर्देश पर 20 जून 2019 को दोबारा घोषित परिणाम में 2052 महिला अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया. बताया गया कि अन्य पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की सभी महिला सीटें भर ली गईं लेकिन सामान्य वर्ग की 375 सीटों पर नियुक्ति नहीं की गई. इस पर कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड से 10 अक्तूबर तक जवाब मांगा है.
छुट्टी में ही अध्यापकों से लें गैर शैक्षिक कार्य
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अध्यापकों से शिक्षण कार्य अवधि में मतदाता सूची तैयार करने सहित गैर शैक्षिक कार्य लेने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के उ.प्र. प्राथमिक शिक्षक संघ की याचिका में दिए निर्देशों के कारण दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने प्रशांत यादव और 38 अन्य अध्यापकों की याचिका पर दिया है. याचीगण का कहना था कि मणिभूषण शर्मा और 42 अन्य केस में भी कोर्ट ने अध्यापकों से गैर शैक्षिक कार्य न लेने का आदेश दिया है. जिसकी अवहेलना करके याचियों से गैर शैक्षिक कार्य लिया जा रहा है. इस निर्देश के साथ कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी है.