प्रयागराजः फूलपुर में स्थित इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) के कॉरडेट सेंटर में छः राज्यों से आये हुए 35 किसानों को ड्रोन पॉयलट ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग देने वाले एक्सपर्ट न सिर्फ ड्रोन चलाना सिखा रहे हैं बल्कि उसमें किसी तरह की दिक्कत आने पर क्या करना है और क्या नहीं करना है, यह भी बता रहे हैं. इसके साथ ही ड्रोन खरीदने के लिए मिलने वाली सब्सिडी और लोन के बारे में भी ये टीम पूरी जानकारी दे रही है.
इफको के एमडी उदय शंकर अवस्थी इस सेंटर पर पहुंचे. यहां उन्होंने देखा कि किस तरह से किसानों को ड्रोन से छिड़काव करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने खुद भी ड्रोन से खेत में नैनो यूरिया का छिड़काव करके देखा. इस दौरान दिल्ली से आयी ट्रेनिंग देने वाली टीम से भी इफको के एमडी ने किसानों को प्रशिक्षण दिए जाने के बारे में पूरी जानकारी हासिल की. इफको एमडी ने टीम से कहा कि किसानों को इस तरह से ट्रेंड करके भेजा जाए कि बाहर जाकर वो जब वो खेत में दवाओं का छिड़काव करें तो उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो सके.
आधी कीमत पर मिलेगी नैनो डीएपी
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए इफको के एमडी उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि कि जल्द ही बाजार में नैनो डीएपी भी लांच कर दी जाएगी. आधा लीटर बॉटल में लिक्विड नैनो डीएपी की कीमत डीएपी की एक बोरी की कीमत के आधी के करीब होगी. उन्होंने कहा कि डीएपी 1350 रुपये में एक बोरी मिलती है, जबकि नैनो डीएपी की कीमत 700 रुपये तक ही रहेगी. इससे किसानों की फसल में लगने वाली डीएपी के लागत की कीमत आधी के करीब हो जाएगी. इसके साथ ही ड्रोन से इसका छिड़काव करने में पानी 90 प्रतिशत तक बचता है. लिक्विड डीएपी व यूरिया भी 25 से 30 फीसदी तक कम लगती है. इस तरह से लिक्विड नैनो यूरिया और डीएपी का इस्तेमाल करके खेतो में ड्रोन से छिड़काव करके किसानों की लागत को आधा किया जा सकता है.
कृषि विमान ट्रेनिंग लेने वाले किसान उत्साहित
वहीं, इफको में छः दिवसीय कृषि विमान ड्रोन पॉयलट ट्रेनिंग लेने ले रहे किसानों का कहना है कि इस तकनीक का इस्तेमाल करके वो अपना समय और पैसा दोनों बचा सकते हैं. इसके साथ ही युवा बेरोजगार किसान ट्रेनिंग लेने के बाद खुद का ड्रोन खरीदकर उससे दूसरे किसानों के खेतों में लिक्विड यूरिया डीएपी व दूसरे दवाओं का छिड़काव करके कमाई भी कर सकते हैं. क्योंकि इफको में जिस ड्रोन को कृषि विमान का नाम दिया गया है. इसके जरिये पांच से सात मिनट में एक एकड़ खेत में दवाओं का छिड़काव किया जा सकता है. जिसके लिए पानी की 90 प्रतिशत तक बचत होगी और लिक्विड नैनो यूरिया भी 30 फीसदी तक कम लगेगी.
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ड्रोन से छिड़काव की वजह से बचेगी किसानों की जिंदगी
उल्लेखनीय है कि ड्रोन से छिड़काव करने में किसानों की जिंदगी भी सुरक्षित होगी. क्योंकि कई बार खड़ी फसलों में छिड़काव करते वक्त विषैले जीवों के काटने से किसानों की मौत भी हो जाती है. हर साल देश भर में हजारों किसानों की जान ऐसे ही खेत में छिड़काव करते समय सांप व किसी दूसरे जहरीले जीव जंतुओं के काटने से चली जाती है. इसके साथ ही हाथ से छिड़काव करने की वजह से भी कई बार किसान बीमार भी हो जाते हैं. ड्रोन से छिड़काव करने से किसानों की इन समस्याओं का भी समाधान हो काफी हद तक हो जाएगा.