प्रयागराज: सावन का महीना चल रहा है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से शिवालयों में ज्यादा लोग नहीं हैं. संगमनगरी के शिवकुटी थाना क्षेत्र स्थित शिव कचहरी का प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है. इस अनोखे मंदिर में भगवान शिव के एक नहीं बल्कि 288 शिवलिंग स्थापित किए गए हैं. सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
शिव कचहरी मंदिर पुजारी शम्भू नाथ दुबे ने बताया कि सावन में सुबह से लेकर शाम तक दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. इस बार कोरोना काल में कम श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि शिव भक्त मंदिर में शिव का जलाभिषेक करके न्याय की गुहार लगाते हैं. इतना ही नहीं शिव कचहरी में भक्त कान पकड़कर उठक-बैठक भी करते हैं और माफी मांगते हैं. भक्त 288 शिवलिंग का जलाभिषेक कर भगवान शिव की आराधना करते हैं.
1865 में नेपाल के राजा ने थी मंदिर की स्थापना
मंदिर के पुजारी ने बताया कि वर्ष 1865 में नेपाल के राजा और रानी प्रयागराज आए थे और युद्ध में विजय पाने के लिए इस मंदिर की स्थापना कर भगवान शिव की आराधना की थी. इसके बाद इस मंदिर को शिव कचहरी के नाम से जाना जाने लगा. उन्होंने बताया कि श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर और अपनी गलतियों की माफी मांगने के लिए 288 शिवलिंगों पर बेलपत्र, फूल और जल चढ़ाकर पूजा-अर्चना करते हैं.
पुजारी ने बताया कि यह देश का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां पर एक से अधिक शिवलिंग की पूजा-अर्चना होती है. प्रयागराज का यह सबसे प्राचीन मंदिर है, लेकिन सरकार की तरफ से इस मंदिर पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.