प्रयागराज : कोरोना का संक्रमण नैनी सेंट्रल जेल प्रयागराज तक पहुंच गया है. यहां 123 कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. वहीं एक जेलर, दो डिप्टी जेलर और 12 से ज्यादा वार्डरों के कोरोना संक्रमित होने से हड़कंप मचा हुआ है. इतना ही नहीं, कई जेल कर्मचारियों और अधिकारियों के परिवारों तक कोरोना संक्रमण पांव पसार चुका है. हालांकि राहत की बात यह है कि नैनी सेंट्रल जेल में कोरोना के संक्रमण से अभी तक किसी कैदी की मौत नहीं हुई है.
कोरोना पॉजिटिव पाए गए कैदियों में 114 पुरुष और 9 महिला कैदी शामिल हैं. सभी का 120 की क्षमता वाले कोविड केयर सेंटर में इलाज किया जा रहा है. जेल में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं.
संक्रमण से कैदियों को बचाने के किए गए कई उपाय
कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए कोविड केयर सेंटर में हेल्थ वर्करों के साथ ही डॉक्टरों की तैनाती की गई है. इसके साथ ही ऑक्सीजन का भी इंतजाम किया गया है. कोरोना संक्रमित कैदियों के खानपान में भी बड़ा बदलाव किया गया है. उन्हें भोजन में हाई प्रोटीन के साथ काढ़ा, सफाई के लिए साबुन के साथ-साथ मास्क और सेनेटाइजर भी मुहैया कराया जा रहा है ताकि कोरोना के संक्रमण से उन्हें बचाया जा सके. इसके साथ ही कैदियों का वैक्सीनेशन भी कराया जा रहा है.
क्षमता से अधिक कैदी
वरिष्ठ जेल अधीक्षक पी.एन. पाण्डेय के मुताबिक, कैदियों की तबियत बिगड़ने या फिर ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज के कोविड लेवल थ्री अस्पताल एसआरएन में रेफर किया जा रहा है. बुजुर्ग कैदियों का प्रतिदिन ऑक्सीजन लेवल भी चेक किया जाता है. इसके साथ ही कैदियों को पब्लिक एड्रेस सिस्टम से कोविड को लेकर जागरूक भी किया जाता है. हालांकि नैनी सेन्ट्रल जेल में 2060 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन मौजूदा समय में 4275 कैदियों को जेल में रखे जाने से कोरोना के संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है.
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कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से कराया जा रहा पालन
वरिष्ठ जेल अधीक्षक पी.एन. पाण्डेय के मुताबिक, जेलों में कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए महानिदेशक जेल के निर्देशों और केन्द्र सरकार की गाइड लाइन का भी सख्ती से पालन कराया जा रहा है. कोरोना के खतरे को देखते हुए जेलों में हर दिन एंटीजन और आरटी-पीसीआर जांच कराई जा रही है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक का कहना है कि जेलों में कर्मचारियों के साथ ही राशन सप्लाई के लिए आने वाली गाड़ियों के चलते बाहरी लोगों का आवागमन भी बना रहता है, जिससे भी कैदियों में संक्रमण का खतरा बना रहता है.