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Fish Release In Ganges: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा में छोड़ी गई 10 हजार मछलियां

प्रयागराज में केंद्रीय अंतरस्थली मत्स्य की अनुसंधान संस्थान सिफरी ने गंगा नदी में 10 हजार मछलियां छोड़ी गई. इसी के साथ मछुआरों को जाल भी वितरित किए गए और दो दिवसीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया.

गंगा में छोड़ी गई 10 हजार मछलियां
गंगा में छोड़ी गई 10 हजार मछलियां
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Published : Feb 26, 2023, 5:29 PM IST

प्रयागराज: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत रविवार को गंगा नदी में मछलियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रयागराज स्थित केंद्रीय अंतरस्थली मत्स्य की अनुसंधान संस्थान सिफरी के द्वारा त्रिवेणी संगम तट पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें संस्थान के निदेशक के द्वारा मौजूद लोगों को भारतीय मूल की मछलियों के बारे में जानकारी दी गई. जिसमें गंगा नदी में पाई जाने वाली मछलियों रोहू और कतला जैसी प्रजातियों के बारे में विशेष जानकारी दी गई. बताया गया कि गंगा पारिस्थितिकी और आर्थिक विकास में यह किस तरह से सहायक है.

गंगा में छोड़ी गई 10 हजार मछलियां

सिफरी के निदेशक डॉ. एके दास ने बताया कि बरकपर और प्रयागराज केंद्र के द्वारा अभी तक कुल 59 लाख से अधिक मछलियों को गंगा नदी में छोड़ा गया है. यह सिर्फ प्रयागराज ही नहीं बल्कि सभी गंगा नदी तटों पर मछलियों को छोड़ा गया है. तत्पश्चात रैंचिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सिफरी गंगा ट्रांसपोर्ट नमामि गंगे योजना और वन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने 10 हजार से अधिक छोटी मछलियों और उनके बीज को गंगा में छोड़ा गया. संगम तट पर ही मछुआरों को जाल भी वितरित किए गए.

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन
इस दौरान गंगा पारिस्थितिक और आर्थिक विकास को लेकर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में 10 राज्यों से 150 से अधिक मत्स्य विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और अपने शोध पत्र पढ़े.

यह भी पढ़ें:मत्स्य मंत्री संजय निषाद बोले- राहुल गांधी की भारत जोड़ो नहीं, बल्कि कांग्रेस तोड़ो यात्रा है

प्रयागराज: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत रविवार को गंगा नदी में मछलियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रयागराज स्थित केंद्रीय अंतरस्थली मत्स्य की अनुसंधान संस्थान सिफरी के द्वारा त्रिवेणी संगम तट पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें संस्थान के निदेशक के द्वारा मौजूद लोगों को भारतीय मूल की मछलियों के बारे में जानकारी दी गई. जिसमें गंगा नदी में पाई जाने वाली मछलियों रोहू और कतला जैसी प्रजातियों के बारे में विशेष जानकारी दी गई. बताया गया कि गंगा पारिस्थितिकी और आर्थिक विकास में यह किस तरह से सहायक है.

गंगा में छोड़ी गई 10 हजार मछलियां

सिफरी के निदेशक डॉ. एके दास ने बताया कि बरकपर और प्रयागराज केंद्र के द्वारा अभी तक कुल 59 लाख से अधिक मछलियों को गंगा नदी में छोड़ा गया है. यह सिर्फ प्रयागराज ही नहीं बल्कि सभी गंगा नदी तटों पर मछलियों को छोड़ा गया है. तत्पश्चात रैंचिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सिफरी गंगा ट्रांसपोर्ट नमामि गंगे योजना और वन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने 10 हजार से अधिक छोटी मछलियों और उनके बीज को गंगा में छोड़ा गया. संगम तट पर ही मछुआरों को जाल भी वितरित किए गए.

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन
इस दौरान गंगा पारिस्थितिक और आर्थिक विकास को लेकर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में 10 राज्यों से 150 से अधिक मत्स्य विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और अपने शोध पत्र पढ़े.

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