ETV Bharat / state

प्रतापगढ़: इलाज के अभाव में गर्भस्थ शिशु की मौत, नहीं मिला ई-पास - ई-पास

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में लॉकडाउन के चलते गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि ई-पास के लिए उसने कई आवेदन किए, लेकिन अधिकारियों ने उसे ई-पास नहीं दिया.

etv bharat
ई-पास नहीं मिलने के चलते गर्भस्थ शिशु की मौत.
author img

By

Published : Apr 23, 2020, 5:07 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:07 PM IST

प्रतापगढ़: लॉकडाउन के चलते जिले में इलाज के अभाव में गर्भस्थ शिशु की मौत का मामला सामने आया है. पत्नी को लाने के लिए पति अधिकारियों से परियाद करता रहा लेकिन अधिकारियों ने उसकी एक न सुनी और ई-पास के लिए उसने कई बार आवेदन करने पर भी उसे पास नहीं दिया गया. पीड़ित अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायतत की तो अफसरों कि नींद खुली और पास देने का आश्वासन दिया. वहीं सांसद प्रतापगढ़ ने मामले में जिला प्रशासन को दोषी मानते हुए उच्चस्तर पर शिकायत की बात कही है.

पीड़ित को नहीं मिला ई-पास
शहर के श्याम बिहारी गली निवासी अधिवक्ता आदित्य खंडेलवाल की शादी 30 नवंबर 2019 को मध्य प्रदेश के जबलपुर की चंचल से हुई थी. 28 फरवरी को पत्नी चंचल खंडेलवाल अपने मायके जबलपुर चली गईं, पति आदित्य की मानें तो पत्नी चार माह की गर्भवती थी. शहर के सदर में डॉ. सरिता खंडेलवाल के यहां उसका इलाज चल रहा था. पत्नी की तबीयत खराब होते ही 15 अप्रैल को उसे लाने के लिए ई-पास के लिए आवेदन किया लेकिन दो बार आवेदन करने के बाद भी पास रिजेक्ट कर दिया गया.

गर्भस्थ शिशु की हुई मौत
जिलाधिकारी ने पास बनाने की जिम्मेदारी सीआरओ को दी थी अंकित खंडेलवाल ने कई बार उनसे भी निवेदन किया लेकिन उन्होंने मना कर दिया. 21 अप्रैल को गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई और पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई. पीड़ित ने जिलाधिकारी और सीएम के ट्विटर पर मामले को ट्वीट कर मुख्यमत्री पोर्टल पर शिकायत की. सीएम कार्यालय से जिलाधिकारी कार्यालय में फोन से जब इस मामले पर जानकारी मांगी गई तो हड़कंप मच गया. डीएम कार्यालय से पीड़ित अंकित खंडेलवाल को फोन कर उसे बुलाया गया और उसे ई-पास देने की बात कही गई.

अधिवक्ता आदित्य खंडेलवाल के मामले पर प्रतापगढ़ सांसद संगमलाल गुप्ता ने दु:ख जताते हुए कहा कि इस मामले को लेकर हम चुप नहीं बैठेंगे. इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी और यदि लापरवाही या जानबूझकर उपेक्षा की गई होगी तो संबंधित अधिकारी पर शासन से कार्रवाई अवश्य प्रस्तावित कराई जाएगी.

प्रतापगढ़ जिलाधिकारी रूपेश कुमार ने मामले में कहा की मामला उनकी जानकारी में नहीं था. पास बनाने की जिम्मेदारी सीआरओ को दी गई थी, जिसमें इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चहिए थी. पीड़ित अधिवक्ता से बात की गई है उनका पास जारी करने का आदेश दिया गया है.

प्रतापगढ़: लॉकडाउन के चलते जिले में इलाज के अभाव में गर्भस्थ शिशु की मौत का मामला सामने आया है. पत्नी को लाने के लिए पति अधिकारियों से परियाद करता रहा लेकिन अधिकारियों ने उसकी एक न सुनी और ई-पास के लिए उसने कई बार आवेदन करने पर भी उसे पास नहीं दिया गया. पीड़ित अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायतत की तो अफसरों कि नींद खुली और पास देने का आश्वासन दिया. वहीं सांसद प्रतापगढ़ ने मामले में जिला प्रशासन को दोषी मानते हुए उच्चस्तर पर शिकायत की बात कही है.

पीड़ित को नहीं मिला ई-पास
शहर के श्याम बिहारी गली निवासी अधिवक्ता आदित्य खंडेलवाल की शादी 30 नवंबर 2019 को मध्य प्रदेश के जबलपुर की चंचल से हुई थी. 28 फरवरी को पत्नी चंचल खंडेलवाल अपने मायके जबलपुर चली गईं, पति आदित्य की मानें तो पत्नी चार माह की गर्भवती थी. शहर के सदर में डॉ. सरिता खंडेलवाल के यहां उसका इलाज चल रहा था. पत्नी की तबीयत खराब होते ही 15 अप्रैल को उसे लाने के लिए ई-पास के लिए आवेदन किया लेकिन दो बार आवेदन करने के बाद भी पास रिजेक्ट कर दिया गया.

गर्भस्थ शिशु की हुई मौत
जिलाधिकारी ने पास बनाने की जिम्मेदारी सीआरओ को दी थी अंकित खंडेलवाल ने कई बार उनसे भी निवेदन किया लेकिन उन्होंने मना कर दिया. 21 अप्रैल को गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई और पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई. पीड़ित ने जिलाधिकारी और सीएम के ट्विटर पर मामले को ट्वीट कर मुख्यमत्री पोर्टल पर शिकायत की. सीएम कार्यालय से जिलाधिकारी कार्यालय में फोन से जब इस मामले पर जानकारी मांगी गई तो हड़कंप मच गया. डीएम कार्यालय से पीड़ित अंकित खंडेलवाल को फोन कर उसे बुलाया गया और उसे ई-पास देने की बात कही गई.

अधिवक्ता आदित्य खंडेलवाल के मामले पर प्रतापगढ़ सांसद संगमलाल गुप्ता ने दु:ख जताते हुए कहा कि इस मामले को लेकर हम चुप नहीं बैठेंगे. इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी और यदि लापरवाही या जानबूझकर उपेक्षा की गई होगी तो संबंधित अधिकारी पर शासन से कार्रवाई अवश्य प्रस्तावित कराई जाएगी.

प्रतापगढ़ जिलाधिकारी रूपेश कुमार ने मामले में कहा की मामला उनकी जानकारी में नहीं था. पास बनाने की जिम्मेदारी सीआरओ को दी गई थी, जिसमें इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चहिए थी. पीड़ित अधिवक्ता से बात की गई है उनका पास जारी करने का आदेश दिया गया है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 3:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.