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अमिताभ बच्चन के पैतृक गांव में पंचायत चुनाव को लेकर सियासत गर्म

यूपी में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. पंचायत चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान भले अभी तक नहीं हुआ हो, लेकिन गांव-गांव सियासत गर्म हो गई हैं. प्रतापगढ़ में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के पैतृक गांव बाबूपट्टी भी है. जनपद मुख्यालय से 35 किमी की दूरी पर स्थित बाबूपट्टी में पिछले पंचायत चुनाव में निर्वाचित हुई निरक्षर प्रधान कलावती की मुश्किलें इस बार बढ़ गई हैं. कारण यह है कि इस बार मतदाताओं की संख्या में लगभग 35 प्रतिशत तक इजाफा हो गया है.

पुस्तकालय.
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Published : Mar 21, 2021, 8:44 AM IST

प्रतापगढ़: यह बहुत ही कम लोग जानते हैं कि बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का पैतृक घर प्रतापगढ़ के बाबू पट्टी गांव में है. यहीं पर प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन का जन्म हुआ था. इस गांव में केवल 5 वर्षों में 300 मतदाता बढ़ गए. इनके चलते यहां की महिला प्रधान के सामने इस बार मुश्किलें बढ़ गई हैं. 300 नए मतदाओं ने समीकरण ही बिगाड़ दिया है.

उत्‍तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. पंचायत चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान भले अभी तक नहीं हुआ हो, लेकिन गांव-गांव सियासत गर्म हो गई हैं. दावेदार हर तरह से गुणा-गणित बिठा कर मतदाताओं को अपने तरफ रिझाने में जुटे हैं.

प्रतापगढ़ में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के पैतृक गांव बाबूपट्टी भी है. जनपद मुख्यालय से 35 किमी की दूरी पर स्थित बाबूपट्टी में पिछले पंचायत चुनाव में निर्वाचित हुई निरक्षर प्रधान कलावती की मुश्किलें इस बार बढ़ गई हैं. कारण यह है कि इस बार मतदाताओं की संख्या में लगभग 35 प्रतिशत तक इजाफा हो गया है. इनमें युवा मतदाताओं का रुझान इस बार पढ़े-लिखे दावेदारों की तरफ दिख रहा है.

बाबूपट्टी गांव में साल 2015 के पंचायत चुनाव में मतदाताओं की संख्या 850 थी. साल 2021 में होने वाले पंचायत चुनाव में मतदाताओं की संख्या अब तक 1,150 पहुंच गई है. महज 5 साल में यहां 300 वोटर बढ़ गए. पिछले पंचायत चुनाव में निरक्षर प्रधान कलावती को 312 वोट मिले थे. वह 51.23 प्रतिशत मत पाकर विजयी हुई थीं. 2015 के पंचायत चुनाव में वोटरों ने कलावती पर जमकर वोटों की बारिश करते हुए उन्हें गांव की सरकार चलाने का जिम्मा सौंपा था, लेकिन इस बार गांव के राजनीतिक हालात युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ाने से बदल गए हैं.

बात अगर जिले भर की करें तो इस बार प्रतापगढ़ में 1,193 ग्राम पंचायतों में 1,374 मतदान केंद्र, 3,561 मतदान स्थल बनाये गए है. जबकि अभी तक जिले में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 2,62,0052 तक पहुंच गई है.

एक बार बच्चन परिवार की बहू जया पहुंची थी बाबूपट्टी
साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन का जन्म इसी गांव में हुआ था. अध्ययन के लिए वह प्रयागराज गए तो फिर वहीं बस गए. हालांकि, उनका अपने गांव आना-जाना लगा रहा. अलबत्ता अमिताभ कभी बाबूपट्टी नहीं आ पाए. वैसे जया बच्चन 5 मार्च 2006 को बाबूपट्टी गांव आई थीं. यहां उन्होंने अपने ससुर हरिवंश राय बच्चन के नाम से बने पुस्तकालय का लोकार्पण किया था.

अमिताभ ने पैतृक गांव का विकास करने की जताई थी इच्छा
कौन बनेगा करोड़पति के 12वें संस्करण के दौरान अमिताभ बच्चन ने कहा था कि परिवार में चर्चा हुई है. जल्द ही हम लोग पुरखों के गांव बाबू पट्टी जाएंगे. वहां के लिए कुछ करना है. भले ही स्कूल का निर्माण हो अथवा कुछ और लेकिन आज तक बिग बी अपने पैतृक गांव कभी नहीं आए. आज भी उस गाव के लोग उनके आने की उम्मीद को नहीं छोड़े हैं.

इसे भी पढे़ं- शक में पति बना हैवान, तार से सिला पत्नी का गुप्तांग

प्रतापगढ़: यह बहुत ही कम लोग जानते हैं कि बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का पैतृक घर प्रतापगढ़ के बाबू पट्टी गांव में है. यहीं पर प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन का जन्म हुआ था. इस गांव में केवल 5 वर्षों में 300 मतदाता बढ़ गए. इनके चलते यहां की महिला प्रधान के सामने इस बार मुश्किलें बढ़ गई हैं. 300 नए मतदाओं ने समीकरण ही बिगाड़ दिया है.

उत्‍तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. पंचायत चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान भले अभी तक नहीं हुआ हो, लेकिन गांव-गांव सियासत गर्म हो गई हैं. दावेदार हर तरह से गुणा-गणित बिठा कर मतदाताओं को अपने तरफ रिझाने में जुटे हैं.

प्रतापगढ़ में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के पैतृक गांव बाबूपट्टी भी है. जनपद मुख्यालय से 35 किमी की दूरी पर स्थित बाबूपट्टी में पिछले पंचायत चुनाव में निर्वाचित हुई निरक्षर प्रधान कलावती की मुश्किलें इस बार बढ़ गई हैं. कारण यह है कि इस बार मतदाताओं की संख्या में लगभग 35 प्रतिशत तक इजाफा हो गया है. इनमें युवा मतदाताओं का रुझान इस बार पढ़े-लिखे दावेदारों की तरफ दिख रहा है.

बाबूपट्टी गांव में साल 2015 के पंचायत चुनाव में मतदाताओं की संख्या 850 थी. साल 2021 में होने वाले पंचायत चुनाव में मतदाताओं की संख्या अब तक 1,150 पहुंच गई है. महज 5 साल में यहां 300 वोटर बढ़ गए. पिछले पंचायत चुनाव में निरक्षर प्रधान कलावती को 312 वोट मिले थे. वह 51.23 प्रतिशत मत पाकर विजयी हुई थीं. 2015 के पंचायत चुनाव में वोटरों ने कलावती पर जमकर वोटों की बारिश करते हुए उन्हें गांव की सरकार चलाने का जिम्मा सौंपा था, लेकिन इस बार गांव के राजनीतिक हालात युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ाने से बदल गए हैं.

बात अगर जिले भर की करें तो इस बार प्रतापगढ़ में 1,193 ग्राम पंचायतों में 1,374 मतदान केंद्र, 3,561 मतदान स्थल बनाये गए है. जबकि अभी तक जिले में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 2,62,0052 तक पहुंच गई है.

एक बार बच्चन परिवार की बहू जया पहुंची थी बाबूपट्टी
साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन का जन्म इसी गांव में हुआ था. अध्ययन के लिए वह प्रयागराज गए तो फिर वहीं बस गए. हालांकि, उनका अपने गांव आना-जाना लगा रहा. अलबत्ता अमिताभ कभी बाबूपट्टी नहीं आ पाए. वैसे जया बच्चन 5 मार्च 2006 को बाबूपट्टी गांव आई थीं. यहां उन्होंने अपने ससुर हरिवंश राय बच्चन के नाम से बने पुस्तकालय का लोकार्पण किया था.

अमिताभ ने पैतृक गांव का विकास करने की जताई थी इच्छा
कौन बनेगा करोड़पति के 12वें संस्करण के दौरान अमिताभ बच्चन ने कहा था कि परिवार में चर्चा हुई है. जल्द ही हम लोग पुरखों के गांव बाबू पट्टी जाएंगे. वहां के लिए कुछ करना है. भले ही स्कूल का निर्माण हो अथवा कुछ और लेकिन आज तक बिग बी अपने पैतृक गांव कभी नहीं आए. आज भी उस गाव के लोग उनके आने की उम्मीद को नहीं छोड़े हैं.

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