प्रतापगढ़: कोरोना का खौफ लोगों के जेहन में इस कदर बैठ गया है कि अब लोग दवा के बाद दुआ की राह पर चलने लगे हैं. प्रतापगढ़ के सांगीपुर थाना अंतर्गत जूही शुक्लपुर में कोरोना को हराने के लिए ग्रामीणों ने गांव में कोरोना माता मंदिर बना दिया है. इस मंदिर में कोरोना माता की मास्क लगाए हुए मूर्ति स्थापित की गई है. अंधविश्वास का आलम ये है कि सैकड़ों ग्रामीणों पूरे विधि-विधान से कोरोना माता की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. ग्रामीणों का दावा है ऐसा करने से उनके गांव में कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा.
कोरोना से तीन मौतों के बाद स्थापित की मूर्ति
दरअसल, सांगीपुर के जूही शुक्लपुर में कोरोना महामारी से तीन लोगों की मौतें हुईं तो गांव वाले बहुत डर गए. इसके बाद गांव के लोकेश श्रीवास्तव की पहल के बाद ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर सात जून को कोरोना माता की मूर्ति स्थापित कराई. विशेष ऑर्डर पर तैयार कराई गई कोरोना माता की मूर्ति को गांव में नीम के पेड़ के पास स्थापित कर इसे कोरोना माता मंदिर का नाम दिया गया. जूही शुक्लपुर के ग्रामीणों का मानना है कि पूर्वजों ने चेचक को माता शीतला का स्वरूप माना था और कोरोना भी देवी माता का ही रूप है.
दूर-दूर से आकर लोग कर रहे पूजन
ग्रामीणों ने कोरोना से बचाव के लिए कोरोना माता की मूर्ति स्थापित कर आस्था की पकड़ी है. आश्चर्य की बात तो यह है अंध विश्वास में तैयार किये इस मंदिर में ग्रामीणों समेत दूर-दराज से लोग पहुंच रहे हैं और कोरोना माता की पूजा अर्चना करते हुए नजर आ रहे हैं. ग्रामीण अगरबत्ती जलाकर और प्रसाद चढ़ाकर कोरोना माता की पूजा करते हैं.
ग्रामीणों का अपना ही तर्क
ग्रामीणों का कहना है कि कई लोग इसको अंधविश्वास मान रहे हैं, लेकिन मास्क लगाए और हाथ धोते हुए कोरोना माता की प्रतिमा लोगों को मास्क लगाने और हाथ धुलने के लिए जागरुक करती है, जो एक अच्छी पहल है.
चर्चा का विषय बना मंदिर
प्रतापगढ़ के जूही शुक्लपुर गांव में फैला अंधविश्वास अब चर्चा का विषय बन गया है,लेकिन पुलिस और स्वास्थ्य महकमा इसको रोकने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं.